पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के सपनों के प्रोजेक्ट “इन्वेस्टर्स समिट” में हुआ घोटाला
आलमबाग से राजधानी तक बस गमले पहुंचाने का खर्च 32 लाख रुपये बताया गया है।
उत्तर प्रदेश(भारत):- क्या भारत को घोटालों का देश कहा जा सकता है? पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों के प्रोजेक्ट “इन्वेस्टर्स समिट” में भी अधिकारी घोटाला करने से पीछे नहीं हटे हैं। दरअसल इन्वेस्टर्स समिट में की गयी सजावट के खर्च को लेकर हर दिन कोई-न-कोई घोटाला सामने आ रहा है। जहाँ आलमबाग से राजधानी तक बस गमले पहुंचाने का खर्च 32 लाख रुपये बताया गया है और आश्चर्य की बात तो यह है कि इसके ऑडिट पर भी इस खर्च में कोई आपत्ति नहीं जताई गयी है।
जैसे ही आयोजन को लेकर गड़बड़ी उजागर हुई थी तब योगी सरकार ने भुगतान करने पर रोक लगा दी थी और यह आदेश 8 मार्च को जारी किया गया था जिसमे कहा था कि भुगतान तब तक ना हो जब तक अगला आदेश ना आये, परन्तु सरकार की रोक के बाद भी 31 मार्च तक 83 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक सभी वस्तुएँ उद्यान प्रभारी संजय राठी और उस समय के उद्यान अधीक्षक धर्मपाल यादव ने ख़रीदा था। आयोजन के लिए गमले और फूल आलमबाग से ही ख़रीदे गए थे।
सूत्रों के मुताबिक कहाँ से फूल खरीदने हैं, सजावट का काम किसे देना हैं, सामान ले जाने का काम किसे देना है, यह सब काम संजय राठी और धर्मपाल यादव ने ही तय किये थे। संजय राठी और धर्मपाल यादव पर यह आरोप है कि इन्होंने ये सारे काम बिना किसी नियम के तय कर दिए थे। फिलहाल धर्मपाल उप-निदेशक के पद पर सहारनपुर में तैनात हैं और संजय लखनऊ में ही तैनात हैं।