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संसद के इस शीतकालीन सत्र के बाद गंगा को मिलेगा राष्ट्रीय नदी दर्जा !

संसद के शीतकालीन सत्र के बाद अब शायद भारत में गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी का दर्जा प्राप्त हो जाएगा जिसके बाद इसकी परिभाषा भी बदल जाएगी।

  भारत ( संसद ): गंगा नदी के लिए स्वामी सानंद के प्राण जाने के बाद केंद्र सरकार गंगा कानून को मूर्त रुप देने की तैयारी में जुट गई है। इससे जुड़े राष्ट्रीय नदी पुनरुद्धार, संरक्षण एवं प्रबंधन बिल का मसौदा तैयार हो गया है।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जिसके बाद गंगा नदी की गोमुख से गंगासागर वाली पुरानी परिभाषा बदल जाएगी।



और नई परिभाषा में अब पंच प्रयागों पर मिलने वाली सभी धाराओं को गंगा की परिभाषा में शामिल किया जाएगा। यानी अब विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग को भी गंगा नदी की नई परिभाषा में शामिल किया जाएगा।
इस मसौदे में गंगा पर बांध बनाने को स्वीकार कर लिया गया है बशर्ते उसकी धारा को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।
इसके गर्वनिंग काउंसिल में तकरीबन 11 सदस्य होंगे जिनमें से पांच गंगा विशेषज्ञ होंगे। इसमें कई ऐसे प्रावधानों का भी जिक्र किया गया है जिससे गंगा नदी में प्रदूषण को कम किया जा सके।
swami sanand { ganga activist }
इस मसौदे को तैयार करने में डेढ़ साल का समय लग गया है। जिसके बीच सरकार का गंगा की तरफ अनदेखा रवैया का विरोध करने के लिए स्वामी सानंद ने 113 दिनों तक अनशन भी रखा था, परंतु इसके बाद ही उनकी मौत हो गई थी।
इसी बीच गंगा महासभा के सदस्य स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने इस बारे में कहा है कि हमें संतोष है कि हमारे सुझाए गए 80 फ़ीसदी सुझावों को इस मसौदे में शामिल किया गया है, परंतु सरकार को यह बताना चाहिए कि जो 20 फ़ीसदी सुझाव अलग किए गए हैं वह किस आधार पर हुए।

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