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74 सालों बाद पाकिस्तान में खुला था हिंदू मंदिर, तीसरे दिन कट्टरपंथियों ने कर दिया हमला

रावलपिंडी: पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक और हिंदू मंदिर पर हमला किया गया है जिसे 7 दशकों बाद ही खोला गया था।

रावलपिंडी पुलिस के अनुसार, पुराने किले में प्राचीन मंदिर पर हमला करने वाले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मंदिर पर शनिवार को अज्ञात व्यक्तियों ने हमला किया था।  सैयद रजा अब्बास जैदी, सहायक सुरक्षा अधिकारी, परित्यक्त वक्फ संपत्ति बोर्ड, रावलपिंडी की शिकायत पर बानी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

हालांकि की उल्लेख करने वाली बात ये है कि पुराना किला स्थित प्राचीन मंदिर को 74 वर्षों के बाद गुरुवार को ही खोला गया था। जहां लम्बे अरसे के बाद हिंदुओं ने देवी दुर्गा के चित्र के सामने घंटियां बजाई गईं और भजन गाए। लेकिन इसके तीन दिन बाद ही मंदिर में हमला कर दिया जाता है।

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प्राथमिकी के अनुसार, मंदिर का निर्माण और नवीनीकरण कार्य एक महीने से चल रहा था, जबकि मंदिर के मुख्य द्वार के सामने अतिक्रमण 24 मार्च को हटा दिया गया था। मंदिर में नियमित पूजा अभी तक शुरू नहीं हुई थी। मंदिर में अभी तक कोई मूर्ति नहीं रखी गई है।

आरोप है कि शनिवार शाम 7:30 से 10:30 बजे के बीच अज्ञात हमलावर आए और मंदिर में तोड़फोड़ शुरू कर दी, मंदिर के मुख्य द्वार और ऊपरी द्वार को तोड़ दिया और सीढ़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। मंदिर में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बर्बरता की गई और मंदिर की पवित्रता का उल्लंघन किया गया। 

रावलपिंडी पुलिस के एक प्रवक्ता ने पाकिस्तानी मीडिया उर्दू समाचार को बताया कि ओल्ड फोर्ट इलाके में मंदिर लंबे समय से निष्क्रिय था और उसका जीर्णोद्धार किया जा रहा था। पिछले कुछ दिनों से मंदिर के आसपास के अतिक्रमण हटा दिए गए हैं जबकि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने शनिवार को मंदिर में हमला किया और भाग गए।

पुलिस के मुताबिक, घटना की जांच की जा रही है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। रावलपिंडी जिला प्रशासन ने जीर्णोद्धार के बाद हवेली साजन सिंह के लगभग एक किलोमीटर के आसपास स्थित हिंदू पूजा स्थलों का जीर्णोद्धार करने की घोषणा की थी। इस संबंध में, हवेली के आसपास के मंदिरों का नवीनीकरण कार्य चल रहा है।

1947 में भारत के विभाजन के बाद, ये पूजा स्थल निष्क्रिय हो गए हैं जिसके कारण इनके चारों ओर अतिक्रमण हो गए हैं। जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि इन अतिक्रमणों को हटाकर ऐतिहासिक धरोहर का दर्जा दिया जाएगा।

परित्यक्त वक्फ संपत्ति बोर्ड के सचिव फराज अब्बास ने उर्दू समाचार को बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से रावलपिंडी शहर में प्राचीन हिंदू धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार का काम चल रहा है, जिसे पूरी तरह से बहाल करने के बाद स्थानीय हिंदू समुदाय को सौंप दिया जाएगा। किया जायेगा

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