हरीश रावत बोले कैप्टन ने ‘सेकुलरिज्म’ को मार दिया है, कैप्टन ने पूछा- ‘महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ कांग्रेस क्या कर रही है ?’
चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत द्वारा दिए बयान कि अमरिंदर सिंह ने सेकुलरिज्म को मार दिया है, पर कैप्टन ने भी जोरदार पलटवार किया है और पूछा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ कांग्रेस क्या कर रही है।
अपने मीडिया सलाहकार के माध्यम से जारी किए सिलसिलेवार बयानों में कैप्टन ने हरीश रावत को जमकर घेरा और कई तीखे सवाल भी दागे।
कैप्टन ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करना बंद करो हरीश रावत जी। 14 साल तक भाजपा के साथ रहने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस में शामिल करना मत भूलिए। और आरएसएस नहीं तो नाना पटोले और रेवनाथ रेड्डी कहां से आए? और परगट सिंह 4 साल से शिरोमणि अकाली दल के साथ थे।
कैप्टन ने आगे कहा कि आप महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ क्या कर रहे हैं? या आप हरीश रावत जी कह रहे हैं कि जब तक यह कांग्रेस के उद्देश्य के अनुकूल है, तब तक तथाकथित सांप्रदायिक दलों के साथ सेना में शामिल होना ठीक है। यह सरासर राजनीतिक अवसरवाद नहीं तो क्या है?
विरोधियों के मदद के आरोपों पर कैप्टन ने कहा कि आज आप मुझ पर मेरे प्रतिद्वंद्वी शिरोमणि अकाली दल की साढ़े 4 साल से मदद करने का आरोप लगा रहे हैं हरीश रावत जी। क्या इसलिए आपको लगता है कि मैं पिछले 10 सालों से उनके खिलाफ कोर्ट केस लड़ रहा हूं? और मैंने 2017 के बाद से पंजाब में सभी चुनाव क्यों जीते हैं?
अंत में उन्होंने कहा कि आपको आशंका है कि मैं पंजाब में कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचाऊंगा। तथ्य यह है कि हरीश रावत जी, पार्टी ने मुझ पर भरोसा न करके और पंजाब कांग्रेस को सिद्धू जैसे अस्थिर व्यक्ति के हाथों में देकर अपने हितों को नुकसान पहुंचाया है, जो केवल खुद के प्रति वफादार है।
कैप्टन ने सेकुलरिज्म को मार दिया है: रावत
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर द्वारा कांग्रेस से अलग खुद की अपनी पार्टी बनाने व भाजपा से सशर्त गठबंधन करने की घोषणा के बाद बुधवार को नईदिल्ली में हरीश रावत ने कहा था कि 10 महीने तक किसानों को सरहदों पर रखने वाली बीजेपी को कौन माफ कर सकता है? जिस तरह से किसानों के आंदोलन से निपटा गया है, क्या पंजाब उन्हें माफ कर सकता है?
रावत ने आगे कहा था कि कैप्टन का यह बयान वाकई चौकाने वाला है। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने भीतर के ‘धर्मनिरपेक्ष अमरिंदर’ को मार डाला है।