पिछले 15 सालो में भारत बंद के दौरान दलितों पर दर्ज हुए सभी केस वापस लेगी कांग्रेस सरकार
मध्यप्रदेश (भोपाल) : मायावती द्वारा दिए गए एक महीने के अल्टीमेटम के पहले दिन ही झुकते हुए कांग्रेस सरकार ने मध्य प्रदेश में दलितों पर 2 अप्रैल के दौरान दर्ज किये केस को वापस लेने का फैसला लिया है।
बसपा ने कल ही एक अधिसूचना जारी कर कहा था की अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश व राजस्थान में दलितों पर से 2 अप्रैल को किये गए भारत बंद में दर्ज केस वापस नहीं लेगी तो बसपा अपना समर्थन खींच लेगी।
न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए बयान में मध्य प्रदेश सरकार में कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है की “सरकार 2 अगस्त को दर्ज हुए सभी केस वापस लेगी और पिछले 15 सालो में बीजेपी सरकार द्वारा दर्ज इस तरह के सभी केस भी वापस ले लेगी”।
PC Sharma, Madhya Pradesh Law Minister: Cases filed on 2nd April 2018 (‘Bharat Band’ over SC/ST Act 1989) or similar cases in the last 15 years filed by the BJP will be withdrawn. pic.twitter.com/QGI6tUQhjk
— ANI (@ANI) January 1, 2019
सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार कांग्रेस राजस्थान में भी यही फैसले ले सकती है जिससे उसे मायावती का साथ और दलितों के वोट आगामी चुनावो में लाभ दिला सकते है।
क्या था मामला
दरअसल एससी एसटी एक्ट को लेकर दलितों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में कई जगह हिंसक प्रदर्शन किये थे जिसको लेकर प्रसाशन ने कई लोगो पर केस दर्ज किये थे।
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दलितों पर दर्ज मुकदमो को वापस लेने की वकालत कई बार भीम आर्मी और मायावती खुद कर चुकी थी जिसके बाद चुनावी मौसम की सुगबुगाहट में यह फैसला लेना काफी कुछ अपने आप में झलका देता है।
अब हमें और आपको यह सोचना होगा की क्या वोट के लाभ को देखते हुए ऐसे कदम उठाये जाने चाहिए जिससे हिंसक प्रदर्शन करने वालो के ऊपर से केस वापस ले लिए जाये? इससे उन शरारती तत्वों का आत्मविश्वास ही बढ़ेगा जो इन गतिविधियों में लिप्त रहकर आपसी भाई चारे को चोट करने का प्रयास करते है।