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बर्बरता: दर्जनों दलित दबंगो ने 3 सवर्णो पर कुल्हाड़ी, रॉड व हसिया से हमला कर लूटी दुकाने, घायलों को दो दिन से होश नहीं लेकिन लग गया SC-ST एक्ट

देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में दो दर्जन से अधिक दबंग दलितों ने 3 सवर्णो को रॉड, कुल्हाड़ी, डंडे व धारदार हथियारों से मार मार के अधमरा कर दिया। घटना देवरिया के बनकटा थाना के सोहनपुर गांव की है जहां आपसी कहासुनी में तमतमाए दलित गुंडों ने गाँव के ही तीन लोगो को बर्बरता पूर्वक मारा।

घायलों में शामिल सुनील चौरसिया, हरेंद्र व योगेंद्र को जिला अस्पताल में भेजा गया है लेकिन हरेंद्र को बीते दो दिनों से होश न आने के कारण गोरखपुर रेफर कर दिया गया है। वहीं दलितों दबंगो में से किसी की भी गिरफ़्तारी अब तक पुलिस नहीं कर पाई है।

घटना का मंजर इतना भयावह था कि गाँव के ही रविंद्र चौबे ने हमें बताया कि चारो ओर चीख पुकार मच गयी थी। दलितों की बर्बरता देख सभी लोग सहम गए है। साथ ही दलितों ने गाँव में लूटपाट को भी अंजाम देते हुए कई दुकाने लूट ली है जिसकी शिकायत पुलिस थाने में दुकानदारों द्वारा कर दी गयी है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल 15 अगस्त की शाम करीब 6 बजे गाँव के सुमित चौरसिया बाजार से सब्जी लेकर घर जा रहा थे जहां रास्ते में घात लगाए गाँव के ही नन्दलाल भारती, रोहित, सुनील, सतीश, हरेंद्र, विवेक, गुड्डू, सुनील पुत्र अवधेश, सुरेश भारती व अन्य लोग रॉड, कुल्हाड़ी, डंडो व धारधार हथियारों के साथ मौके पर मौजूद थे।

पीड़ित को सभी दलित गुंडों ने गोला बनाकर घेर लिया जिसके बाद जातिसूचक शब्द कहते हुए माँ बहन का बलात्कार करने जैसी अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। जिसका विरोध पीड़ित द्वारा किया गया तो नन्दलाल भारती ने ललकारते हुए सुमित चौरसिया पर हमला बोल दिया।

जिसके बाद हमलावरों ने रॉड से हमला कर उनका सर फोड़ दिया। मौके पर चीख पुकार सुनते ही पास ही मौजूद हरेंद्र व योगेंद्र बचाने पहुंच गए। लेकिन हमलावरों ने उनपर भी हमला बोल दिया।

हमले में सुमित का सर बुरी तरह फ्रैक्चर हो गया व हाथ भी टूट गया। वहीं हरेंद्र का जबड़ा टूट गया व नाक व सर की अंदरूनी हड्डिया भी टूट गयी जिससे वह मौके पर ही बेहोश हो गया। ज्ञात होकि घायल हरेंद्र को पिछले दो दिनों से होश नहीं आया है। साथ ही योगेंद्र को भी कई गंभीर चोटें आई है।

मौके पर चीख पुकार के बीच कई अन्य लोग भी उन्हें बचाने पहुंचे। लेकिन इससे पहले दलित बस्ती से सुनीता, अनीता समेत 10 से 15 महिलाये ईंट, पत्थर लेकर आ गयी व बचाने आये लोगो पर मारने लगी जिससे कई ओर लोग भी घायल हो गए।

दलितों की दबंगई इतने पर ही नहीं रुकी बल्कि उन्होंने गाँव की कई दुकाने भी लूट ली जिसमे 5 क्विंटल से अधिक आटा, चावल व अन्य सामग्री भी शामिल है।

दलितों ने गाँव के ही रविंद्र चौबे की दूकान से उनका गल्ले का बक्सा भी लूट लिया। वहीं पीड़ितों के घर में घुस कर उनकी माँ व बहनो को भी पीट डाला।

पीड़ितों के परिजनों के मुताबिक जाते जाते दलित दबंगो ने सभी को जान से मारने की धमकी देते हुए पुलिस में खबर न करने की बाते कही व फिर वहां से फरार हो गए।

मौके पर मौजूद गाँव के अन्य युवक ने हमें बताया कि दलितों का मुख्य उद्देश्य गाँव में दहसत फ़ैलाने का था जिसमे वह पूरी तरह कामयाब हो गये है।

इधर दलितों कि तरफ से महिलाओ ने पीड़ितों पर एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है। अभी तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक दलितों की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है व एक घायल को दो दिन से होश नहीं आया है।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem

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