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पहले पिता की हत्या फिर SC-ST एक्ट का डर दिखा हड़पी ज़मीन, दलितों के डर से करना पड़ा पलायन

अंबेडकरनगर: यूपी पुलिस के जब रक्षक ही अपनी वर्दी का रौब व एससी एसटी एक्ट की धमकी देकर आम जनो पर दबंगई दिखाएंगे तो राज्य में न्याय की आस करना ही दूभर हो चलेगा। जिले में स्थित ग्राम संदहा मझगवा के प्रिंस ओझा पुत्र स्वर्गीय पवन कुमार ओझा इन दिनों पुलिस कांस्टेबल द्वारा एससी एसटी एक्ट की धमकी व अपनी ज़मीन को हड़पे जाने से परेशान है। दरअसल प्रिंस ओझा का पूरा परिवार वर्ष 2002 से पहले ग्राम संदहा मझगवा में ही रह रहा थ। जिसमे अपनी पुश्तैनी जमीन जोकि लगभग 3 बीघा है उसके कुछ भाग पर घर बनवाकर खेती किसानी का काम करते थे। बगल मे ही प्रिंस ओझा के दादा ने दलित सती राम पुत्र बिपत को मानवता के आधार पर रहने के लिए अपनी ज़मीन को दे दिया था। जिसके बाद कुछ दिन बाद वर्ष 2002 में ही पीड़ित के पिता की हत्या हो जाती है। प्रिंस ओझा के मुताबिक उनके पिता की आलापुर मे अज्ञात व्यक्ति के द्वारा हत्या की गई थी जिसका शक उन्हें इसी परिवार पर था।

पिता की हत्या हो जाने के बाद डर के कारण पीड़ित परिवार टंडवा ओझा गांव में अपने पुराने घर पर आ जाते हैं और वही गुजर बसर करने लगते हैं। जिसका फायदा उठाते हुए दलित परिवार ने उनकी पूरी ज़मीन पर कब्ज़ा स्थापित कर लिया।

दलित परिवार ने कटीली तार लगा किया हुआ है कब्ज़ा

जब पीड़ित सवर्ण परिवार अपने पुश्तैनी मकान पर साफ सफाई करने के लिए गए तो देखा कि दलित सुरेंद्र कुमार जोकि उत्तर प्रदेश पुलिस में उन्नाव में आरक्षी के पद पर तैनात है, का परिवार जमीन पर जबरन कब्जा किए हुए थे। जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो सुरेंद्र कुमार सिपाही अपने पद का धौंस दिखाते हुए गाली गलौज करने लगा और एससी एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी भी देने लगा।

जैसे बाप को ठिकानें किया है उछलेगा तो तेरे परिवार की वही दशा करेंगे
पूरी ज़मीन हड़पने के बाद जब पीड़ित परिवार ने विरोध किया तो सिपाही परिवार ने पीड़ित को जान से मारने की धमकी भी दी। प्रिंस ओझा ने बताया कि इसके बाद ब्राह्मण परिवार ने इसकी शिकायत बसखारी थाने में कुछ महीने पहले ही करी थी। जिसके बाद बसखारी और राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर जाकर जायजा लिया और जमीन की मापी की तो जांच में पाया कि दलित आरोपी सिपाही सुरेंद्र कुमार पुत्र सती राम, नंदलाल पुत्र सेखई व सती राम पुत्र बीपत ने जबरन गरीब ब्राह्मण परिवार की जमीन पर कब्जा किया हुआ है।

राजस्व विभाग की टीम ने तत्काल कब्जा खाली करने का दलित परिवार को आदेश दिया था। जिसको सिपाही ने ठेंगा दिखाते हुए मानने से इंकार कर दिया। राजस्व विभाग की टीम ने जांच में दलित आरोपियों के अवैध कब्जा पाए जाने के बाद उन्हें तुरंत कब्जा हटाने का निर्देश दिया लेकिन बसखारी पुलिस ने सुरेंद्र कुमार के पुलिस विभाग में होने की वजह से कोई कार्यवाही ना करते हुए केवल दोनों पक्ष का शांति भंग की धारा 157/107/116 सीआरपीसी चालान करके मामले को शांत कर दिया।

आईजीआरएस डालने के बाद भी नतीजा रहा सिफर
कोई कार्रवाई ना होते देख पीड़ितों ने आइजीआरएस से दबंग आरक्षी सुरेंद्र कुमार के परिजनों के खिलाफ शिकायत की लेकिन फिर उसी क्रम को दोहराते हुए पुलिस विभाग ने आरोपी सुरेंद्र कुमार सुरेंद्र कुमार के पुलिस विभाग में होने की वजह से वही की धारा 157/107/116 सीआरपीसी मैं चालान करके मामले को रफा-दफा कर दिया।दलित सिपाही सुरेंद्र कुमार के जबरदस्ती के आगे पूरा सिस्टम विवश है।

पिता की हत्या की गुत्थी न सुलझने व दलित परिवार द्वारा एससी एसटी एक्ट व फिर से हत्या करने की बार बार धमकी दिए जाने के कारण आज ब्राह्मण परिवार पलायन को मजबूर है। जिसकी कही भी सुनवाई दिखाई नहीं पड़ रही है।

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Vivek Journo

Vivek is an ordinary man who breaks unusual news.

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