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गौशाला की दयनीय स्थिति दिखाना पत्रकारों को पड़ा भारी, दलित प्रधान की शिकायत पर चार के खिलाफ एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज

जौनपुर- एससी एसटी एक्ट के तहत हमें दर्जनों ऐसे केस देखने को मिल जातें है, जिसमें आपसी रंजिश या पैसे ऐंठने के इरादे से झूठे मुकदमें दर्ज करा दिए जाते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले के केराकत थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां पेसारा ग्राम पंचायत में बनी गौशाला और गौवंश की दयनीय स्थिति दिखाने पर दलित ग्राम प्रधान की शिकायत पर चार पत्रकारों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया हैं।

जिसके बाद आग की तरह फैले इस मामले में भारतीय प्रेस परिषद के सचिव नंग संगलेम्बा आओ ने संज्ञान लेते हुए इस पूरे मामले को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए चिंता व्यक्त की और उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिवसचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी जौनपुर और पुलिस अधीक्षक जौनपुर को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस भी जारी किया हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला?

आपको बता दे कि बीते दिनों 21 मार्च को केराकत तहसील के स्वतंत्र पत्रकार आदर्श मिश्रा सहित क्षेत्र के पत्रकार पंकज सिंह, विनोद कुमार और अरविंद यादव मुफ्तीगंज विकासखंड के पेसारा ग्राम पंचायत स्थित अस्थाई गौशाला और गौवंश की दुर्दशा को देखते हुए न्यूज़ कवर करने गए थे। जहां पत्रकारों ने अपनी वीडियो में बताया कि कैसे मरी हुई गाय खुले गढ्ढों में डली हुई थी और कुछ गौवंश मरणासन्न अवस्था में अंदर पड़ी तड़प रहीं थी, जिसे कौवे नोच रहे थे।

इतना ही नहीं बात अगर गौशाला की साफ-सफाई की जाए तो गौशाला के अंदर जहां गायों को रखा गया था, वहां गोबर की मोटी-मोटी परत जमीं हुई थी। पत्रकारों द्वारा बनाई गई वायरल वीडियो में साफ तौर देखा जा सकता है कि किस तरह गोबर के बीच थोड़ी ही दूरी पर गौशाला के एक कोने में एक मृत गाय भी पड़ी हुई थी, जिसका सिर्फ कंकाल नजर आ रहा था।

ग्राम प्रधान ने लगाया गाली गलौज और पैसे मांगने का आरोप

वहीं इस पूरे मामले में शिकायत दर्ज कराने वाली दलित महिला प्रधान चंदा देवी का कहना है कि 21 मार्च की सुबह उन्हें खबर मिली थी कि कुछ युवक बिना अनुमति के गौशाला में घुस गए हैं और उत्पात मचा रहें हैं। उसके बाद अपने पति के साथ गौशाला पहुंचकर जब मैने चारों युवकों से गौशाला में घुसने का कारण पूछा तो वह चारों भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगे, इतना ही नहीं ग्राम प्रधान चंदा देवी ने आरोप लगाया कि उन चारों पत्रकारों के द्वारा उनसे पैसों की मांग भी की गई थी।

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