68% आरक्षण महाराष्ट्र में पहले से, अब ओवैसी की पार्टी मुस्लिम आरक्षण खातिर जाएगी मुंबई हाईकोर्ट
16% मराठा आरक्षण से तमिलनाडु के 69% के बाद महाराष्ट्र 68% आरक्षण देकर बना दूसरा टॉपर, उधर किसानों की आत्महत्या के मामले में है सबसे ऊपर
मुंबई : देश में आरक्षण की राजनीति हमेशा गर्म रहती है क्योंकि देश के किसी न किसी कोने में हर समय अलग अलग समुदाय आरक्षण की मांग उठाते रहते हैं |
ये समाज राज्य की संबंधित सरकारों को अपने पिछड़े होने का हवाला देते हैं फिर सरकारें अपनी राजनीति के हिसाब से उनकी अरज में अमल भी करती हैं |
महाराष्ट्र में अबकी बार मराठा के बाद मुस्लिम आरक्षण की रार :
देश के संविधान में जहां 50% की बात थी वहीं 2010 के एक फैंसले में देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट नें कहा था कि अगर कोई भी राज्य 50% आरक्षण की सीमा को पार करेगा उसके पहले उसे वैज्ञानिक डाटा प्रस्तुत करना पड़ेगा |
इसी चीज का फायदा मराठा आरक्षण में महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार को मिला और उसने विधानसभा में बीते गुरुवार को 16% मराठा आरक्षण बिल बिना चर्चा व सवाल के पास किया |
अब इसके बाद राज्य में मुस्लिम आरक्षण के सुर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AMIM नें तान दिए हैं | पार्टी के इम्तियाज अली नें न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि ” हम मराठा आरक्षण को कोर्ट में चुनौती नहीं देंगे लेकिन मुस्लिम आरक्षण के लिए नए तथ्य रखेंगे “ |
68% आरक्षण के बाद अब मुस्लिम आरक्षण की खींचातानी :
अगर देश में सबसे ज्यादा आरक्षण देने वाले राज्यों की बात करें तो उसमें ये 5 राज्य टॉपर हैं :
- तमिलनाडु – 69 %
- महाराष्ट्र – 68%
- हरियाणा – 67%
- तेलंगाना – 62%
- राजस्थान – 54%
जैसा कि देख सकते हैं कि महाराष्ट्र आरक्षण के मामले में दूसरा टॉपर है और उसने कल ही विधानसभा में 16 मराठा आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास किया है |
इधर ओवैसी की पार्टी अब राज्य में मुस्लिमों के सामाजिक व आर्थिक पिछड़ेपन का हवाला देकर उनके आरक्षण के लिए मुंबई हाईकोर्ट के दर पहुंचेगी | अब देखना यह होगा कि कोर्ट उनकी इस अरज को किस प्रकार से डील करेगा ?
हालांकि इसके समर्थक पहले भी मुस्लिमों के आरक्षण की बात उठाते रहे हैं लेकिन मराठा आरक्षण के बाद वो लगातार सरकार पर भी दवाब बनाने की मुहीम में बड़ी सिद्दत से लग गए हैं |