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नाबालिग ब्राह्मण लड़की को बलात्कार की दी धमकी, भाई बचाने आया तो सैकड़ो दलितों ने घर पर किया पथराव व फाड़ा सर फिर उल्टा SC-ST एक्ट में फसाया

लोनी: उत्तर प्रदेश के लोनी से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आ रही है जहां एक नाबालिग ब्राह्मण लड़की को दलितों द्वारा कई दिनों से छेड़े जाने व बलात्कार की धमकी का विरोध करने पर पुरे परिवार को घेर कर मारा गया। घटना लोनी स्थित विकास नगर में आंबेडकर पार्क के पास गली न 2 की है। जाटव बहुल इस क्षेत्र में बस अकेला शुभाष शर्मा जी का ब्राह्मण परिवार रहता है।

पीड़ितों के मुताबिक आये दिन जाटव समाज के कुछ लड़के उनकी 16 साल की बहन पर बुरी नजर रखते थे। आये दिन उसे छेड़ते थे जिसका कई बार विरोध परिवार समाज के लोगो से जता चूका था। पीड़ित ब्राह्मण परिवार के अनुसार जाटव समाज के लोग उन्हें बार बार इलाका छोड़ जाने को लेकर धमकिया देते रहते थे और छेड़छाड़ को बढ़ावा देते आ रहे थे। जाटव बहुल क्षेत्र होने से पुलिस व समाज भी जाटवों की तरफ ही है।

दरअसल घटना 9 सितम्बर की शाम 7 बजे के पास की है जब पीड़िता अपने घर के आस पास ही थी जिसको अकेला पाते हुए अभिषेक नाम के लड़के ने गन्दी नियत से छेड़ा व उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करी। पीड़िता ने अभिषेक की गन्दी हरकतों को भांपते हुए शोर मचा दिया जिसको सुन पीड़िता का भाई चेतन शर्मा मौके पर पंहुचा व इस अत्यंत अप्रिय घटना का विरोध करने लगा ।

विरोध करने पर अभिषेक ने पीड़िता व उसके परिवार पर हमला बोल दिया जिसमे उसके समाज के लोगो ने भी उसकी मदद करी। पीड़ितों के अनुसार अभिषेक के घर के ही पिंटू, कालू, धर्मवीर, सपना व सुनहरी ने भी मिलकर पीड़ित परिवार से मारपीट शुरू कर दी।

इलाके के सभी लोगो ने पीड़ित के घर पर भारी पथराव भी कर डाला जिसको पुलिस द्वारा भी देखा गया था। इस पूरी घटना में आरोपियों ने पीड़िता के भाई को बुरी तरह पीटते हुए उसका सर फाड़ दिया जिसमे आरोपियों की ओर से मारने आई उसकी बहन भी घायल हो गयी।

आरोपियों द्वारा घरवालों से बुरी तरह मारपीट की घटना को सुनते ही पीड़ित का बड़ा भाई पंकज मौके पर पंहुचा तो देखा उसके छोटे भाई चेतन का सर बुरी तरफ फट चुका था। वहीं मारपीट में विपक्षी लोगो को भी कुछ छोटे आई है। लेकिन चेतन के सर में गहरी व गंभीर छोटे आई है।

हमले में बुरी तरह घायल पीड़िता का भाई चेतन

वहीं ब्राह्मण लड़की के साथ अश्लील हरकत व बलात्कार की धमकी देने वाले अभिषेक व उसके परिवार जनों ने भीम आर्मी के सदस्यों को बुला लिया जिन्होंने मामले को धार्मिक व जातीय तूल देते हुए उल्टा दबाव बनाकर पीड़ितों को ही एससी एसटी एक्ट में फसवा दिया।

वहीं 7 सितम्बर की इस घटना में पुरे दो दिन तक पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं हुई। फलाना दिखाना के हस्तक्षेप के बाद 9 तारीख को जाकर FIR दर्ज हुई है।

आरोपियों ने कहा जय श्री राम नहीं बोला तो हमें पीटा
वहीं आरोपियों ने भीम आर्मी की शह पर यह कहना शुरू कर दिया है कि जय श्री राम न बोलने पर उल्टा पीड़ित परिवार ने उनसे मारपीट करी है। वहीं इस विषय पर हमने जानना चाहा तो मालूम पड़ा कि उस पुरे क्षेत्र में ही जाटवों का बोल बाला है व सिर्फ एक परिवार ही ब्राह्मण है। घटना के वक्त सिर्फ चेतन ही घर में मौजूद था।

पीड़ित परिवार ने बताया कि आप खुद सोचिये कि एक लड़का कैसे जाटव बहुल गाँव में जाटवों को धमका सकता है ? पीड़ितों ने बताया कि इनकी नजर ब्राह्मण होने कि वजह से इनकी 16 साल की नाबालिग बहन पर रहती है व उसके साथ गन्दी घटना करने को लेकर लगातार कार्य करते रहते है।

जाटव कहते है ब्राह्मण अकेला है ज़मीन छोड़ कर भाग जा, हम तुझे देखना भी पसंद नहीं करते है
घटना पर आगे पीड़ितों ने बताया कि उस क्षेत्र में कोई भी ठाकुर ब्राह्मण का घर नहीं है। इसलिए जाटवों ने हमें आतंकित किया हुआ है। दबंग जाटव आये दिन हमें इलाके से भागने व ज़मीन हड़पने के लिए धमकाते रहते है। लोग कहते है हम अपने इलाके में किसी भी ब्राह्मण को देखना नहीं चाहते है। इसके लिए वह बहन को लगातार छेड़ते रहते है व डराते धमकाते रहते है।

परिवार ने न्याय न मिलने पर कहा कर लेंगे सामहिक आत्महत्या
घटना से पूरी तरह टूट चुका यह इकलौता ब्राह्मण परिवार उल्टा एससी एसटी एक्ट में फसाये जाने से बेहद डर गया है। अपने भाई कि हालत देख व उस भयावह मंजर को याद कर पीड़िता सहम जाती है। वहीं पीड़ित के भाई ने बताया है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता तो वो सभी लोग सामूहिक आत्म हत्या कर लेंगे। पीड़ित भाइयो के अनुसार वह अपनी बहन के साथ दुर्व्यवाहर को अपनी आँखों के सामने नहीं देख सकते है। साथ ही विरोध करने पर मारा पीटा व जान से मारने की धमकी भी दी जाती है।

पुलिस नहीं करती है सुनवाई
जाटव समाज की एकता के कारण इस विषय पर पुलिस भी आरोपियों पर कोई कार्यवाई नहीं करती है। वहीं भीम आर्मी के दबाव में पुलिस उल्टा पीड़ितों पर ही कार्यवाई कर देती है। इकलौते परिवार के पास रहने को और कोई आवास व जीवन जीने का कोई साधन भी उपलब्ध नहीं है जिस कारण वह इलाके में रहने को मजबूर है।


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