नेतागिरी
ट्रेंडिंग

“30 अक्टूबर माने की पूरा बंद”, जानिए क्यों किया जा रहा है फिर भारत बंद

फलाना दिखाना की एक रिपोर्ट में यह पहले ही बताया जा चूका है की करीब 84 प्रतिशत मामलो में ओबीसी को फसाया गया और मात्र 14 प्रतिशत केस में ही सवर्णो को लपेटा गया था

मध्य प्रदेश(भोपाल) : आखिर क्यों सवर्णो द्वारा बार बार भारत बंद का आह्वान किया जा रहा है ? कई सवर्णो द्वारा सोशल मीडिया पर आगामी 30 अक्टूबर को लेकर यह कहा जाने लगा है की “30 अक्टूबर माने के पूरा बंद”।

फेसबुक व व्हाट्सप्प पर खूब घूम रहे इस मैसेज में लोगो से अपील की जा रही है की 30 अक्टूबर को अपने दफ्तर दुकाने बंद रखे। बंद का कारण एससी एसटी एक्ट को बताया जा रहा है जिसमे दलील यह दी जा रही है की करीब 75 प्रतिशत मामले कोर्ट द्वारा फर्जी पाए गए है, तो इस एक्ट को निरस्त क्यों नहीं किया जा रहा है ?

दरअसल विदिशा से आयी एक दिल दहलाने वाली खबर जिसमे एक किसान ने झूठे एससी एसटी एक्ट में फसाये जाने को लेकर आत्महत्या कर ली थी, उसके बाद से एक बार फिर सूबे कि सियासत गरमा चुकी है और भारत बंद का बिगुल सवर्णो द्वारा फूक दिया गया है ।

सवर्णो के इस तथाकथित बंद में ओबीसी वर्ग को जुड़ने की भी अपील की जा रही है कारण यह बताया जा रहा है की सबसे ज्यादा नुकसान अगर इस एक्ट से किसी को हुआ है तो वो ओबीसी वर्ग ही है।

फलाना दिखाना की एक रिपोर्ट में यह पहले ही बताया जा चूका है की करीब 84 प्रतिशत मामलो में ओबीसी को फसाया गया और मात्र 14 प्रतिशत केस में ही सवर्णो को लपेटा गया था।

इन्हीं तर्कों का सहारा लेते हुए कई संगठन ओबीसी को इस मुद्दे पर अपने साथ लेने में लगे हुए है पर देखना अब यह होगा की होने वाले इस बंद में कितना साथ ओबीसी वर्ग दे पाता है या पिछली बार की तरह सवर्ण इस बार भी हाथ मसलते रह जायेंगे ।

वहीं 27 अक्टूबर को करणी सेना भी अपने पत्ते खोलेगी की वह भाजपा को समर्थन देगी या आँख मारते हुए नोटा या सपाक्स के समर्थन में कूद पड़ेगी वही राजपूतो के इस संगठन द्वारा भारत बंद को पूर्ण समर्थन मिल चूका है। करणी सेना के चिंतक दिल्ली विश्विधालय के छात्र रघुवीर सिंह ने कहा कि “करणी सेना एससी एसटी एक्ट का पूर्ण विरोध करती है और वह हर उस भारत बंद में शामिल होगी जो एससी एसटी एक्ट के विरोध में किया जायेगा”।

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button