उन्नाव कांड को बलात्कार का केस बताने पर दलित नेता उदित राज पर UP पुलिस ने दर्ज करी FIR
उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पाठकपुर के मजरे बबुरहा में एक खेत से बुआ-भतीजी के शव व चचेरी बहन के गंभीर हालत में मिलने की गुत्थी को जहां पुलिस सुलझा चुकी है तो कई दलित नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटियां भी सेंकने चाही। जिस कारण बड़े बड़े दलित संगठनों से लेकर नेताओं तक ने मामले को बढ़ा चढ़ा कर घटना को दलित उत्पीड़न का दिखाए जाने की कोशिशे करी।
इसी बीच मामले पर बेहद भ्रामक खबरे फ़ैलाने का संज्ञान लेते हुए उन्नाव पुलिस ने पूर्व सांसद व मौजूदा कांग्रेसी नेता उदित राज पर FIR दर्ज करी है।
घटना पर तथ्य व सत्यता से परे उदित राज ने आम जन मानस को भड़काने के मकसद से कई भ्रामक ट्वीट किये थे। उन्होंने हाथरस मामले जैसा आक्रोश फ़ैलाने के मकसद से दलित लड़कियों के साथ बलात्कार किये जाने की जानकारियों को प्रेषित किया था। वहीं पुलिस द्वारा जबरदस्ती शवों को जलाने की बाते भी लिखी थी। हालाँकि परिजनों द्वारा बताया गया कि उन्होंने शवों को जलाया नहीं बल्कि दफनाया था।
दलित नेता उदित राज ने अपने ट्वीट में लिखा कि “अभी अभी सावित्री बाई फुले जी पूर्व सांसद से दूरभाष पर बात हुई। मुश्किल से पुलिस ने उनको उन्नाव में पीड़ित से मिलने दिया। पीड़ित के घर वालों ने बताया कि बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ है & मर्जी के खिलाफ लाशें जला दिया गया।”
जबकि पोस्ट मार्टम में न ही बलात्कार किये जाने की पुष्टि हुई थी व न ही शवों को जलाया ही गया था। उन्हें इतनी भी जानकारी नहीं थी कि परिजनों ने शवों को दफनाया था। जबकि उन्होंने कहा पीड़िता के परिजनों ने उन्हें बताया है कि मर्जी के खिलाफ लाशों को जला दिया गया है।
मामले पर गंभीरता दिखाते हुए उन्नाव पुलिस ने कोतवाली सदर में उदित राज के खिलाफ धरा 153 व आईटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत किया है। फ़िलहाल मुकदमा दर्ज किये जाने पर उदित राज की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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