जिस मीटिंग में थे CM गहलोत उसी में चल रही थी रिश्वतखोरी, 2 SDM गिरफ्तार
दौसा: जब जनता की सेवा करने वाले अधिकारी भ्रष्ट होंगे तो जनता के दुख दर्द कैसे कम होंगे। इसी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए दौसा में एसीबी ने घूसखोरी में बड़ी कार्यवाही की।
एसीबी ने नेशनल हाईवे निर्माण करने वाली कंपनी के मालिक से ₹500000 (पांच लाख) की रिश्वत लेते दोसा एसडीएम पुष्कर मित्तल को और ₹1000000 (दस लाख) की रिश्वत लेते बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा को गिरफ्तार कर लिया।
जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कलेक्ट्रेट के साथ वीडियो कांफ्रेंस से बात कर रहे थे तो दोनों एसडीएम घूसखोरी को अंजाम दे रहे थे। यह पहली बार है की जिले के दो एसडीएम के खिलाफ एक ही दिन में बड़ी कार्यवाही हुई।
दरअसल एसीबी को अपने सूत्रों के हवाले से खबर लगी कि दौसा के अधिकारी हाईवे निर्माण करने वाली कंपनी से लगभग एक से ₹ दो लाख की मासिक बंदी लेते हैं। उसे देखते हुए एसीबी की उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार दोसा में पुलिस प्रशासनिक तथा रेवेन्यू के कई अफसर रडार पर थे।
एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि जब हाईवे निर्माण करने वाली कंपनी के मालिक ने शिकायत की, कि किसानों की भूमि अधिग्रहण करके कंपनी को सुपुर्द करने की एवज में दोनों एसडीएम बहुत मांग रही थी साथ ही एसडीएम ने कंपनी मालिक को सड़क निर्माण में कोई भी बाधा आने पर उसके तुरंत निस्तारण का भी आश्वासन दिया। जिसके बदले में एसडीएम पुष्कर ने 5 लाख व एसडीएम पिंकी मीणा ने 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी।
कंपनी के मालिक ने एसडीएम मीणा को 5 लाख की पेशकश यह कहकर की, कि पुष्कर तो 5 लाख में ही राजी हो गए थे तो एसडीएम मीणा ने मालिक को धमकाते हुए कहा कि “तुम्हारी कंपनी का काम बड़ा है, मैं तो 10 लाख रुपए लूंगी, पुष्कर ने 5लाख लिए तो मैं क्या करूं जाकर उन्हीं से अपना काम करवा लो मैं तो 10 लाख रुपए लूंगी”। यह कहकर एसडीएम मीणा सीएम की वीडियो कांफ्रेंस में चली गई। और मालिक से कहा कि “आपकी कंपनी की लाइजनिंग अधिकारी को 10 लाख रुपए दे देना मैं उस से ले लूंगी”।
उसके बाद एसीबी की टीम करीब 1 घंटे इंतजार करती रही तो वीडियो कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद जब SDM मीणा निकली तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इसके साथ एसीबी ने उस दलाल नीरज मीणा को भी गिरफ्तार कर लिया जो तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के नाम से कंपनी से 38 लाख रुपए की रिश्वत मांगता था। दलाल नीरज मीणा ने कंपनी से कहा कि एसपी साहब को हर माह 4 लाख रुपए की बंदी देनी होगी तो 7 माह चार लाख के हिसाब से 28 लाख रुपए देने होंगे। एसीबी ने एसपी मनीष का मोबाइल जब कर लिया और एसपी के व्हाट्सएप चेटिंग की जांच कर रही है।
इधर सीएम गहलोत ने कलेक्टर्स के साथ हुई बैठक में निर्देश दिया कि भ्रष्ट अधिकारी की निगरानी के लिए राज्य सरकार एक नया प्रकोष्ठ बनाएगी।