प्रयागराज: 4 दलितों की हत्या व रेप में फँसाया था ठाकुर परिवार, दलित निकला आरोपी
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते दिनों एक ही परिवार के 4 लोगों की हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एक ओर जहां मीडिया व राजनीतिक दलों द्वारा हत्याकांड को दलित अत्याचार बताया गया वहीं दूसरी ओर इसके उलट हत्यारोपी में सजातीय निकला।
प्रयागराज के गंगापार स्थित फाफामऊ के मोहन गंज गोहरी गांव में बीते बुधवार की रात एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई थी।
घटना के सम्बन्ध में पुलिस ने थाना फाफामऊ में धारा 147/148/149/302/376 डी भादवि व 3/4 पाक्सो एक्ट व 3 (2) V Sc/St Act के तहत मामला दर्ज किया गया था। घटना को लेकर सर्विलांस टीम व SOG की टीम व थाना फाफामऊ की पुलिस टीम को घटना के अनावरण के लिए लगाया गया था।
घटना का खुलासा करते हुए एडीजी जोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश ने बताया कि घटना के संबंध में विवेचना की प्रगति से जो तथ्य आए थे उसमें रविवार को पवन सरोज नामक व्यक्ति (उम्र 23 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। ये व्यक्ति पीड़ित पक्ष का सजातीय है। इसके द्वारा लड़की को मैसेज भेजकर लगातार परेशान किया जा रहा था। जबकि लड़की द्वारा उसको अस्वीकार किया जा रहा था, बार बार मना किया जा रहा था।
आगे उन्होंने बताया कि अंतिम मैसेज व परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर पवन सरोज को गिरफ्तार किया गया है। इसके द्वारा अभी विवेचना में सहयोग नहीं किया जा रहा है। लेकिन ये बात सिद्ध हो गई है कि कुछ लोगों के सहयोग से हत्या की गई थी। नाम के बारे में इसके द्वारा कुछ नाम बताए गए थे जोकि बार बार बदल बदलकर ये नाम बताए गए हैं। हत्या में शामिल अन्य लोग जो हैं उनके बारे में विवेचना जारी है। इनकी कॉल डिटेल व डीएनए प्रोफाइलिंग के आधार पर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।
एडीजी के मुताबिक जो अभी तक नामजदगियां हुई थीं उन नामजदगी में उनका आपस में एक छोटा सा विवाद मृतक पक्ष के भाई से था उसको लेकर अभी तक ऐसी कोई भी सबूत नहीं आया कि उनके द्वारा हत्या की गई थी।
यहां बता दें कि पुरानी रंजिश के चलते इस मामले में गाँव के ही ठाकुर परिवार को आरोपी बना दिया गया था। नामजद में से चार कथित आरोपियों बबली पत्नी अमित सिंह, आकाश, रवि व मनीष को वारदात के कुछ देर बाद ही पकड़ लिया गया था। शेष कथित आरोपी अमित सिंह, अभय, राजा, रंचू, कुलदीप, कान्हा ठाकुर, अशोक सिंह की तलाश की जा रही थी। शुक्रवार को चार अन्य कथित आरोपियों को भी हिरासत में ले लिया गया।
एडीजी ने वारदात के खुलासा के अहम बिंदु पर बताया कि जब मृतका के मोबाइल को देखा गया तो उसमें कुछ मैसेज मिले थे। जब मैसेज के आधार पर पवन सरोज को पकड़ा गया तो पहले तो वह मना करता रहा कि मैंने मैसेज नहीं किया गया और न मैं लड़की को जानता हूँ। लेकिन जब उसको मैसेज दिखाया गया और उसका मोबाइल बरामद किया गया तो स्वयं के मोबाइल से मैसेज मिल गए।
उसने गौरी मैम के नाम से नम्बर सेव किया गया था। और मृतका की जो आयु है उसके प्रमाण मृतका के मोबाइल से मिले हैं जिसमें जून 1996 उसकी जन्मतिथि है। जिससे जो पोक्सो की धाराएं हैं उनको भी कम किया जा रहा है। इसमें बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है जो निशान मिले हैं।
जो निशान मिले हैं उन्हें पीबी केयर पर निशान पाए गए हैं और जो अभी तक टेस्ट रिपोर्ट आई है उसमें यह से सिद्ध हुआ है कि वहां रेप हुआ है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल के मुताबिक युवती के ऊपर मारने व काटने का कृत्य एक ही व्यक्ति द्वारा किया गया। मृतक की मां को भी मारा गया है लेकिन उनके साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई। जब आरोपी के शरीर की जांच की गई तो प्रथम दृष्टया कुछ चोटों के निशान है, शर्ट में कुछ निशान मिले हैं। जितने भी साक्ष्य हैं उन्हें FSL भेजा जा रहा है, डीएनए प्रोफाइलिंग के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा।
एडीजी ने यह भी कहा कि पकड़ा गया व्यक्ति पवन एक ‘भट्टा’ मजदूर है, अपने सहकर्मियों के समुदाय से ताल्लुक रखता है। इसलिए दलित उत्पीड़न के दावों को अब तक गलत पाया गया है। अगर उसके साथी सामान्य या अन्य जाति से हैं, तभी ये धाराएं होंगी।