‘बाबर ख़ुदा नहीं आक्रांता था, राम हमारे पूर्वज हैं’: मुस्लिम छात्रा ने राम मंदिर के लिए दान किए 11 हजार
बनारस: उत्तर प्रदेश के बनारस की रहने वाली इकरा अनवर खान ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 11 हजार रुपये की राशि समर्पित की है जिसके कारण आजकल वो सुर्खियों में हैं।
युवती ने हाथ में बाकायदा ‘श्रीराम’ के नाम का स्थायी टैटू बनवाया है। इकरा अनवर खान लॉ की छात्रा हैं। श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य शुभारंभ के समय ‘श्रीराम’ के नाम का स्थायी टैटू भी बनवाया है।
इकरा अनवर का कहना है कि राम हमारे पूर्वज हैं और हमें मिलकर इस मंदिर का निर्माण करना चाहिए। ये राजनीति करने वाले ही धर्म को बांटने का काम करते हैं, हमें उसमें बंटना नहीं चाहिए। हमें हर धर्म को सम्मान देना चाहिए और इसी सम्मान और भक्ति के कारण मैंने श्रीराम मंदिर निर्माण में 11 हजार रुपये का योगदान दिया है। राम मंदिर पूरी तरीके से भव्य रूप में बनेगा और मैं श्री राम के दर्शन करने वहां जाऊंगी।
इकरा अनवर खान ने राम मंदिर के निर्माण के लिए 11 हजार रुपये की राशि चेक के जरिए अखिल भारतीय संत समिति को दी है। इकरा का कहना है कि मैंने यह करके उनको मुंहतोड़ जवाब दिया है कि धर्म अलग-अलग नहीं होते हैं। धर्म एक है और वह है इंसान का धर्म। मैं एक इंसान के रूप में राम मंदिर निर्माण में भागी बन रही हूं, जिसकी मुझे खुशी है। इकरा अनवर की आस्था हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों में है। वह कहती हैं कि मैं मंदिर भी जाती हूं और घर में नमाज भी पढ़ती हूं।
बाबरी मस्जिद के सवाल पर इकरा ने कहा कि बाबर एक आक्रांता था बाबर किसी का किसी का अल्लाह नहीं है खुदा नहीं है इसलिए बाबरी मस्जिद रहे या ना रहे इससे किसी को फर्क नहीं पड़ता। जबकि भगवान श्री राम अपने आप में मर्यादा पुरुषोत्तम हैं वह किसी एक के लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। हमारे में श्री राम को इमाम ए हिंद कहा जाता है हमारे भगवान हैं। हम पूजेंगे उसे ही जो पुरषोत्तम हो, आदर्श हो। बाबर तो आक्रांता था जो लोग बाबरी बाबरी कहते हैं क्या वो अपने बच्चों को बाबर जैसा बनाना चाहेंगे।