महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार से दर्जनों NCP-कांग्रेस विधायक नाराज़, शिवसेना बोली- धैर्य रखें, ज्यादा विकल्प नहीं हैं
मुंबई : उद्धव सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नाराज़ NCP व कांग्रेस विधायकों में नाराज़गी का दौर शुरू हो गया है।
एक मुहावरा बड़ा प्रचलित है “सिर मुड़ाते ही ओले गिरे” ! महाराष्ट्र की राजनीति में ये मुहावरा बिल्कुल मेल खा रहा है जहाँ उद्धव ठाकरे सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद NCP व कांग्रेस के दिग्गज नेता इस्तीफा तक की धमकी दे रहे हैं।
प्रकाश सोलंकी नें सोमवार रात को इस्तीफ़े की घोषणा कर दी। श्री सोलंकी, जो चार मौकों पर बीड जिले की मजलगाँव सीट से विधायक चुने गए, उन्होंने कहा “मैं मंगलवार को इस्तीफा देने मुंबई जा रहा हूं और अब राजनीति से दूर रहूंगा क्योंकि मैं राजनीति करने लायक नहीं रहा।”
NCP leader and four-time MLA from Maharashtra’s Majalgaon seat Prakash Solanke announces he would resign as member of Legislative Assembly as he is “unworthy to do politics”; denies link between his decision and his non-induction in expanded state cabinet
— Press Trust of India (@PTI_News) December 30, 2019
बावजूद इस बयान के प्रकाश सोलंकी नें कहा कि “सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार नें साबित कर दिया कि मैं राजनीति करने के लायक़ नहीं हूँ।”
वहीं आज मंगलवार को प्रकाश सोलंकी नें पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद अपना इरादा बदल दिया और कहा वो पार्टी से जुड़े रहेंगे।
Maharashtra: NCP MLA drops plan to quit as party plays pacifier | Mumbai News – Times of India https://t.co/uVDe4tooO2
— स्वंतत्र विचार (@kautilyya) January 1, 2020
इधर कांग्रेसी विधायक संग्राम थोपटे भी मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराज़ हो गए लेकिन बाद में पार्टी अध्यक्ष नें कहा कि उन्हें मना लिया गया है।
#Maharashtra Congress chief Balasaheb Thorat says party MLA Sangram Thopte, who was miffed at not getting ministerial berth, has been pacified & ‘he will get his due’
— Press Trust of India (@PTI_News) January 1, 2020
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 36 मंत्रियों को शामिल करके अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार किया, जिसमें एनसीपी नेता अजीत पवार शामिल थे, जिन्हें उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी।
288 सदस्यीय विधानसभा में एनसीपी के पास शिवसेना के बाद 54 विधायक हैं जिसमें पार्टी के 56 सदस्य हैं।
मंत्रिमंडल के विस्तार के ठीक बाद दिग्गज विरोधी नेताओं की इस्तीफा की धमकियां राज्य में सियासी भूचाल लाने के लिए काफ़ी थी। रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से दोनों पार्टियों के दर्जनों नेता नाराज़ हो गए हैं। इसी बीच प्रमुख सत्ताधारी पार्टी शिवसेना के संजय राउत का महत्वपूर्ण बयान आ गया।
राउत नें कहा कि “NCP के विधायक धैर्य रखें क्योंकि उनके पास अधिक विकल्प नहीं हैं।”
Don’t have many options, Sena leaders should be patient: Sanjay Raut https://t.co/S3iqHfVYqF
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 31, 2019
हालांकि मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद राज्य में शुरू हुई खींचतान सरकार को कब तक स्थिर रूप में चलाती है ये भविष्य ही तय करेगा।
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