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ललितपुर: दलितों को मटके से पानी पीने पर मारने की खबर फर्जी, आज तक समेत सभी प्रमुख संस्थानों ने फैलाया झूठ

ललितपुर: उत्तरप्रदेश के ललितपुर में मटके में पानी को लेकर हुए विवाद में दलितों को ओबीसी वर्ग से आने वाले लोगो द्वारा बुरी तरह मारने की खबरों को मीडिया द्वारा खूब तूल दिया जा रहा है। जिसमे ऊँची जाति द्वारा छुआछूत को आज भी बढ़ावा देने जैसी खबरों को हवा दी जा रही है। खबर की नजाकत को देखते हुए हमारी टीम ने गाँव जाकर पूरी तहकीकात करी है।

दरअसल घटना जिले के थाना नाराहट के अंतर्गत आने वाले गांव उमरिया की है जहां गाँव के संतोष अहिरवार ने एक पटेल(कुर्मी) परिवार पर मटके से पानी लेने के दौरान हमला करने का आरोप लगाया है। घटना की सत्यता जानने के लिए हमने सबसे पहले उस दुकान के आस पास के दुकानदारों से बातचीत करी जिन्होंने हमें बेहद चौकाने वाली बाते बताई। दुकानदारों ने एक सुर में कहा की दूकान पर कभी भी मटका था ही नहीं। वहीं यही बाते हमें अन्य ग्रामीणों ने भी बताई थी।

इसके अतिरिक्त थाना प्रभारी ने भी हमसे इस बात की पुष्टि करी कि मटके वाली बात सरासर झूठ है। वहीं पीड़ित पक्ष बनाये गए संतोष अहिरवार गाँव में खुद को बसपा का नेता बताता है। आगे गाँव के पूर्व प्रधान रहे राजा भैय्या ने हमें जानकारी दी कि संतोष अहिरवार का परिवार इससे पहले अकसर हरिजन एक्ट लगाने की धमकियां देता रहता था व गाँव के ही एक बिन्नी राजा पर वह इससे पहले फर्जी एससी एसटी एक्ट लगवा चूका था। जिसका निपटारा इन्होने 90 हज़ार रूपए वसूल कर किया था।

आरोपी बनाये गए प्रकाश चंद्र का था समर सिबल, पिछले साल का बकाया न देने पर हुआ था हंगामा
दरअसल आरोपी बनाये गए पटेल परिवार का समर सिबल है जोकि किसानो को किराये पर पानी देते है। इसी क्रम में संतोष अहिरवार भी उनसे पानी लेता था। लेकिन पिछले दो वर्षो से उसने उनके 3500 रूपए नहीं दिए थे।

इसके बावजूद 1 तारीख को एक बार फिर संतोष अहिरवार आरोपी मनक ( 80 वर्ष) व उनके पुत्र प्रकाश चंद्र के यहाँ समर सिबल को सिंचाई के लिए माँगा जिसपर उन्होंने पहले पिछले बकाया देने को कहा।

बकाया मांगने पर संतोष अहिरवार एससी एसटी की धमकी देते हुए 80 वर्ष के बुजुर्ग को माँ बहन की अश्लील गालिया देने लगा था। जिसको अगल बगल के दुकानदारों ने पुष्ट किया है। गालियों की शिकायत लेकर प्रकाश चंद्र व अन्य लोग संतोष अहिरवार के घर पहुंचे जिसकी पुष्टि संतोष अहिरवार के पड़ोसियों व मौजूद गाँव वालो ने करी है।

संतोष के घर पहुंचने के बाद भी उनके घरवालों ने एससी एसटी एक्ट में फ़साने की बाते कही जिसपर संतोष की ओर से सर्वप्रथम पटेल परिवार पर लाठी से हमला किया गया जिससे आरोपी बनाये गए परिवार को भी चोटे आई है। इसी लड़ाई में दोनों परिवारों को चोटे आई थी जिसकी जानकारी हमें थाना प्रभारी ने भी बताई है।

थाना नाराहट के थाना प्रभारी ने बताया कि “मटके से पानी की बाते उनकी विवेचना में झूठी पाई गई है व वहां कोई भी मटका नहीं रहता है। झगड़ा समर सिबल के बकाये को लेकर था जिसमे संतोष अहिरवार ने 80 वर्ष के बुजुर्ग मनक से गाली गलोच करी थी। जिसके बाद सतोष की शिकायत लेकर घर वाले संतोष के घर पहुंचे थे जहां दोनों परिवारों में झगड़ा हो गया। दोनों पक्षों को चोटे आई है। कानून के अनुसार कार्यवाई करी जा रही है।”

आपको बता दें कि बिना जांचे परखे व गाँव में जाए सभी प्रमुख मीडिया संस्थानों ने मटके की फर्जी खबर को चला दिया। हमने यह भी पाया कि नवभारत से लेकर आज तक जैसे दिग्गज संस्थानों ने महज FIR में लिखी चीजों को कॉपी पेस्ट कर दिया था।

ज्ञात होकि फलाना दिखाना के अलावा में कोई भी मीडिया संस्थान इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म को तवज्जो नहीं देता है जिसके कारण लोगो में गलत खबरों का ताँता लग गया है।

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