ऋग्वेद

IFS अधिकारी नें तैयार कराई देश की पहली रामायण वाटिका, मिलेंगी रामायण काल की औषधियां !

हल्द्वानी (UK): IFS अधिकारी के आइडिया नें पर्यावरण व सनातन संस्कृति के लिए अनोखा काम किया है।

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित परम् पवित्र रामायण में जिन पेड़-पौधों और औषधियों का जिक्र है, उन सभी को लेकर उत्तराखंड के हल्द्वानी में देश की पहली रामायण वाटिका तैयार हुई है। इस अनूठी रामायण वाटिका को उत्तराखंड वन विभाग की अनुसंधान समिति ने तैयार किया है। इस आइडिया के पीछे आईएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी हैं।

IFS Sanjiv Chaturvedi

संजीव चतुर्वेदी ने रामायण वाटिका को लेकर कहा कि वाल्मीकि रामायण में मौजूद 139 तरह की वनस्पतियों में से कुछ की नर्सरी वाटिका मे तैयार की गई है तो कुछ को संबंधित क्षेत्रों से मंगाया गया है। लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से पेड़-पौधों से जोड़कर पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाना, इसका मकसद है।

बता दें कि ये रामायण वाटिका लगभग एक एकड़ भूमि पर तैयार की गई है जहां कोई भी व्यक्ति रामायण में बताए गए तथ्यों को आधुनिक युग में देख सकता है।

Ramayana Vatika, Haldwani

चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान में इन वनों में घनत्व, वन्यजीव व कुछ वनस्पतियों को छोड़करए बहुत कम परिवर्तन हुआ है। चित्रकूट, दंडकारण्य, पंचवटी, किष्किंधा, द्रोणागिरी आदि जंगलों में तब के समय मौजूद पेड़.पौधों की प्रजातियां आज भी संबंधित क्षेत्र में मिलतीं हैं।

मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी उदाहरण देते हुए कहते हैं कि “वनवास के प्रथम भाग में ऋषि भारद्वाज के कहने पर भगवान श्री राम ने मंदाकिनी नदी के दक्षिण में स्थित चित्रकूट के वनों में निवास किया था। वर्तमान में चित्रकूट के वन, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले और मध्य प्रदेश के सतना जिले की सीमाओं पर स्थिति है।”

आजकल इस बगिया की हर जगह चर्चा भी शुरू है और इसे देखने को लेकर लोग काफी उत्सुक भी हो रहे हैं।

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