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‘मात्र दावे, रिकॉर्ड में कुछ नहीं’- दिल्ली कोर्ट ने कथित मुस्लिम विरोधी भाषण मामले में अश्विनी उपाध्याय को जमानत दी

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर दिए गए साम्प्रदायिक भाषणों के मामले में गिरफ्तार वकील अश्विनी उपाध्याय को बुधवार को जमानत दे दी।

बता दें कि 5 अन्य आरोपियों के साथ अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। उनपर जंतर मंतर पर 8 अगस्त को आयोजित भारत जोड़ो कार्यक्रम में मुस्लिम विरोधी भाषण देने का आरोप लगा था।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट उद्धव कुमार जैन ने अश्विनी उपाध्याय को राहत देते हुए अपने आदेश में कहा कि, “मात्र दावे” के अलावा रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं था जो यह दर्शाता हो कि विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए कथित भड़काऊ भाषण उपस्थिति में या अभियुक्त के इशारे पर किया गया था।

कोर्ट का साफ मानना था कि भड़काऊ भाषण ना तो अश्विनी की उपस्थिति में लगे ना उनके कहने पर। वायरल वीडियो में भी उनके खिलाफ कुछ नहीं है। इसी के मद्देनजर 50 हजार के निजी मुचलके पर कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दे दी गई।

जमानत के साथ शर्तें रखते हुए कोर्ट ने कहा कि 1) आरोपी चल रही जांच में सहयोग करना जारी रखेगा और आईओ द्वारा बुलाए जाने पर जांच में शामिल होगा; 2) आरोपी अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगा;  3) आरोपी को संबंधित न्यायालय के समक्ष कार्यवाही के प्रत्येक चरण में ईमानदारी से पेश होना चाहिए ताकि इसकी प्रगति में कोई बाधा या देरी न हो।

जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने जमानत के कागज जेल भिजवा दिए हैं। जल्द ही अश्विनी की जेल से रिहाई भी हो जाएगी। 

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