दुराचार

दबंग दलित कोटेदार राशन मांगने पर देता है SC-ST एक्ट में फ़साने की धमकी, दो साल में दिया परिवारों को महज 20 KG राशन

सुल्तानपुर: उत्तरप्रदेश के शहर सुल्तानपुर में एक दलित कोटेदार की दबंगई से लोग परेशान है। सुल्तानपुर में ग्राम शेषनपुर के लम्भुआ तहसील के इस दलित कोटेदार से राशन माँगना किस हद तक महंगा पड़ता है उसका जीता जागता उदहारण गाँव के ही लोगो ने हमें बताया।

गाँव के रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि दलित कोटेदार पांचूराम बेहद वृद्ध है इसलिए उसकी जगह उसका पुत्र वीर बहादुर राशन बाटने का कार्य करता है। वीर बहादुर की दबंगई इतनी की अगर उससे अपना राशन मांगो तो वह हरिजन एक्ट में फ़साने की धमकी देने लगता है।

गाँव के ओबीसी व सवर्ण समाज के लोग दलित की इस दबंगई से बेहद परेशान आ चुके है। कई जगह शिकायत भी करी लेकिन कोटेदार पर कोई कार्यवाई नहीं हुई।

वहीं गाँव के लोगो का कहना है कि कोटेदार बेहद दबंग है व उसे राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है जिस वजह से कोई उस पर कार्यवाई नहीं कर पाता है।

ग्रामीणों के मुताबिक कोटेदार हर परिवार से 5 किलो राशन बड़ी शान से चुराता है व एससी एसटी एक्ट की आड़ में कोई भी उससे बहस करने से भी डरता है। वहीं ज्यादा सवाल जवाब करने पर कोटेदार राशन कार्ड से नाम काटने की धमकी भी देता रहता है।

गाँव में ही मजदूरी कर अपने परिवार के लोगो का भरण पोषण करने वाले अनिल सिंह ने हमें बताया कि कोटेदार बहुत पहले ही हमसे अंगूठा लगवा लेता है व करीब 8 से 10 बाद राशन देता है जिससे घर में खाने के लाले पड़ जाते है।

इतना ही नहीं कोटेदार आमतौर पर ग्रामीणों से गाली गलोच भी करता रहता है लेकिन हर जगह दरवाज खटखटाने के बाद भी कोई कार्यवाई नहीं करी गयी है।

विधवा महिला को कोटेदार ने दो साल में दिया महज 20 किलो राशन
गाँव की ही एक अन्य विधवा महिला ने हमें बताया कि कोटेदार जबरन उनका अंगूठा लगवा लेता है व राशन भी नहीं देता है। दलित कोटेदार ने दबंगई के चलते कुल दो साल में पांच लोगो के परिवार में महज 20 किलो राशन दिया है।

आपको बता दे कि इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही जिसमे महिला दलित कोटेदार की दबंगई की दास्ताँ सुनाती हुई दिख रही है।


Donate to Falana Dikhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’

                                                        

Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button