राम राज्य

गाँव में हनुमान मूर्ति स्थापित करने पर दलितों ने हटा आंबेडकर की मूर्ति लगाई, बुरी तरह पीट 11 घायल किये

जौनपुर: यूपी के जौनपुर में स्थित मनौरा गांव में ब्राह्मण समुदाय द्वारा हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करने पर हरिजन समाज के लोगो द्वारा मार पीट करने का मामला सामने आया है।

मूर्ति को गाँव के लोगो द्वारा 25 जुलाई को रखा गया था जिसके बाद हरिजन समाज के लोगो ने इसका विरोध करते हुए अश्लील गालिया बकनी शुरू कर दी। जिसके बाद दबंग दलितों ने लाठी डंडो के साथ ब्राह्मण व अन्य जाति के लोगो की बुरी तरह पिटाई कर दी।

दरअसल मूर्ति रखने के दो दिन बाद अनुसूचित जाति के लोगो को हनुमान जी कि प्रतिमा रखने की जब बात पता चली तो उन्होंने जानबूझकर बजरंगबली के स्थान पर भीम राव आंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी।

जिसका गाँव के ही लोगो द्वारा विरोध करते हुए मूर्ति को थोड़ी दूर पर रखने का आह्वाहन करा गया जिसपर अनुसूचित जाति के लोगो द्वारा जातिगत टिप्पणियां व मार पीट की जाने लगी। देखते ही देखते अनुसूचित जाति के लोगो ने अन्य लोगो को लाठी डंडो व हसिया के साथ मौके पर बुला लिया व विपक्षी पक्ष को बुरी तरह पीट दिया।

आपको बता दें कि मनौरा गांव निवासी काशीनाथ शुक्ला ने शनिवार को प्राण प्रतिष्ठा के साथ हनुमानजी की मूर्ति ग्राम समाज की जमीन पर गांव वालों की सर्वसम्मति से रखी थी। लेकिन हरिजन समाज से विरोध में हुई भीषण झड़प में ब्राह्मण बिरादरी से आठ लोग और हरिजन बिरादरी से तीन लोग घायल हो गए।

ग्रामीणों ने इसकी सूचना 112 नंबर को दी। 112 नम्बर की पुलिस दोनों तरफ से घायलों को थाना पर लाकर मेडिकल के लिए भेज दिया।

थानाप्रभारी श्याम दास वर्मा मय फोर्स ने मौके पर पहुँच कर इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। कुछ देर के बाद मौके पर पहुँचे सीओ अवधेश शुक्ला, तहसीलदार सुदर्शन राम मौका का मुआयना किया।

फिर दोनों अधिकारी थाना पर पहुंच कर दोनों पक्ष से राय मशविरा करने लगे। लेकिन दोनों हरिजन लोगो में हनुमान मूर्ति स्थापित करने पर सहमति नहीं बन सकी।

फिर तहसीलदार ने घटना की पूरी जानकारी एस डी एम मड़ियाहूं के के मिश्रा को दी तो उन्होंने बोला कि हम थाना पर आ रहे हैं।

उन्होंने आने के बाद सीधे शब्दों में कहा कि ग्राम समाज की जमीन सरकारी संपत्ति है और जो मूर्ति रखी गयी है वह असवैधानिक है उसको तत्काल खाली कराया जाये। फिर भारी पुलिस फाॅर्स की मदद से हनुमान मूर्ति को वहां से हटा दिया गया।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

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