चुनावी पेंच

बंगाल: ग़रीब बस्तियों में जमीन पर बैठकर करती थीं सभाएं, पति मजदूर, BJP ने दे दिया विधायकी का टिकट

बनकुरा: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची शनिवार को जारी कर दी।

भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने दिल्ली मुख्यालय से भाजपा उम्मीदवारों की सूची जारी की है। टॉलीवुड सितारों को बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची में जगह नहीं मिली। सूची में भूमिपुत्र और पिछड़ी जातियों को प्राथमिकता दी गई है।

दूसरी ओर, नंदीग्राम में जमीनी स्तर की चुनौती को स्वीकार कर भूमिपुत्र शुवेंदु अधिकारी को उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा के उम्मीदवारों की सूची में केवल एक स्टार है। और वह पूर्व भारतीय क्रिकेटर अशोक डिंडा हैं। हालांकि जारी सूची में कुछ नामों की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है उनमें वंचित तबक़े से आने वाली चंदना बाउरी हैं।

Chandana Bauri Celebrating Republic Day

चंदना बाउरी को शालतोरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की उम्मीदवार बनाया गया है। बता दें कि शालतोरा विधानसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल के बनकुरा जिले के अंतर्गत आता है जोकि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

अब बात करें भाजपा उम्मीदवार चंदना की तो वह रोज मजदूरी कर कमाने वाले एक गरीब मिस्त्री की पत्नी हैं। चंदना बाउरी अब सोशल मीडिया सनसनी बन गई हैं। बीजेपी कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर उसके लिए प्रचार कर रहे हैं। भाजपा का दावा है कि हमने सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को राजनीति के क्षेत्र में लाया है।

Chandana in Meeting

चंदना को उम्मीदवारी मिलने का कारण दलित बस्तियों में भाजपा के प्रसार के लिए की गई उनकी मेहनत है। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि अपने क्षेत्र के लोगों से बात चीत व उनके मुद्दे सुनने के लिए लोगों के साथ जमीन पर बैठकर काम करती हैं।

चंदना समय समय पर वंचित महिलाओं की समस्याओं को सुनने के लिए उनके साथ सभा आयोजित करती रही हैं। इसके अलावा केंद्र में उनके पार्टी की सरकार की जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उनका भी प्रचार प्रसार करती रही हैं।

Chandana with her son

भाजपा का दावा है कि हमने सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को राजनीति के क्षेत्र में लाया है। भाजपा नेताओं के अनुसार, बंगाली समाज का हर स्तर सोनार बांग्ला परिवार की लोकतांत्रिक चेतना का निर्माण करेगा।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा की उम्मीदवारों की सूची में कोई आश्चर्य नहीं है, लेकिन एक स्पष्ट रणनीति है। और सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि भाजपा की सूची में आदिवासी, अनुसूचित जाति-जनजाति के उम्मीदवार शामिल हैं।

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