दुराचार

मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित 200 वर्ष पुराने मंदिर में हमला, पुजारी की बेटी के अपरहण का किया प्रयास

करीमगंज(असम): असम के करीमगंज जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर में लूटपाट व पुजारी की बेटी को अपरहण करने की कोशिश को अंजाम देने का प्रयास किया गया है। जिले के बलिया इलाके में स्थित नरसिम्हा भगवान का यह मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है। जहां करीब 7 हथियार बंद हमलावरों ने भगवान के कीमती वस्त्रो से लेकर पुजारी की पत्नी के सोने जेवरात भी लूट लिए।

घटना 12 अप्रैल की बताई जा रही है जोकि आग की तरह अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। घटना पर हमने पुजारी से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि घटना की रात करीब 2 बजे कुछ लोग हथियार लेकर मंदिर में घुस आये थे। आवाज सुनने पर उन्होंने जब जाकर देखा तो हमलवारों ने उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने कई बार उनके गले पर धारधार हथियार से हमला करने की भी कोशिश करी थी।

पुजारी के मुताबिक हमलवार उनसे सरकार द्वारा मिले 1 लाख रुपये देने को दबाव बना रहे थे। जिस पर पुजारी ने ऐसी कोई राशि के आने से मना कर दिया गया था। जिसके बाद हमलवावरो ने पुजारी, उनकी पत्नी व बेटी को घर में बंधक बनाकर बंद कर दिया था।

“1200 रूपए महीना मंदिर कमेटी से मिलता है तुम्हे 1 लाख कहाँ से दे दू”
1 लाख की मांग करने पर पुजारी ने हमलावरों से कहा कि उसे खुद मंदिर कमेटी से पूजा करने के 1200 रूपए महीना ही मिलते है। वह लाख रूपए कहा से दे दे। इतना सुनते ही हमलावरों ने पुजारी की गर्दन पर धारधार हथियार से वार करने का प्रयास किया जिसमे पुजारी किसी प्रकार बच निकले।

पुलिस को घटना की जानकारी देते पुजारी राजेश

बेटी को अपरहण करने का किया प्रयास
पुजारी के मुताबिक हमलवारों ने उनसे सोने की मूर्ति मांगी जिसको पुजारी ने एक बार फिर से मना कर दिया। हमलावरों द्वारा इसके बाद पुजारी की बड़ी बेटी को बंधक बनाकर अपरहण करने का प्रयास किया गया। जिसपर पुजारी की पत्नी ने अपने जेवर व पैसे देकर हमलावरों से बेटी को छुड़वाया। पुजारी की बेटी पल्लवी ने हमें बताया कि हमलावरों ने उसे बंधक बना लिया था। वह उसे अपने साथ ले जा रहे थे। साथ ही गलत काम कर जान से मारने की धमकी भी दे रहे थे। माँ ने अपने जेवर देकर उनके चंगुल से छुड़वाया।

पुलिस ने दिया जल्द हमलवार पकड़ने का भरोसा, 12 दिन बीतने पर भी कोई सुराग नहीं
पुलिस घटना के होने के बाद से बड़े बड़े दावे कर रही है। हालाँकि अभी तक पुलिस कोई सुराग नहीं जुटा सकी है। ज्ञात होकि मंदिर बांग्लादेश बॉर्डर से महज 2 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। बॉर्डर पार से हमलवारों के आने की चर्चा भी अब इलाके में जोर पकड़ने लगी है।


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