चुनावी पेंच
अंगूठी के निशान से सपाक्स एमपी के सियासी मैदान में
सपाक्स अब " संपूर्ण समाज पार्टी " के बैनर तले लड़ेगी चुनाव, चुनाव आयोग में पंजीकरण प्रक्रिया में देरी से सपाक्स के लिए चुनाव चिन्ह का फंसा था पेंच
भोपाल : चुनाव की तारीखें आहिस्ता आहिस्ता नजदीक आ रही हैं लिहाजा सूबे में सियासी सरगर्मियां अपने उछाल पर हैं । सभी पार्टियां चुनावी दंगल के लिए ताल ठोक रही हैं, इधर सत्ताधारी भाजपा ने 177 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची फाइनल कर दी है । मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी जल्दी अपनी सूची जारी कर सकती है । इसी बीच तीसरे फ्रंट के लिए ताल ठोक रही सपाक्स पार्टी अब पशोपेश की स्थिति में फंस गई है क्यों कि उसे चुनाव चिन्ह मिलने में देरी हो रही है इसीलिए उसने दूसरा रास्ता अख्तियार कर लिया है |
अंगूठी चुनाव चिन्ह पर दंगल लड़ेगा सपाक्स :
आगामी 28 नवंबर को सूबे में मतदान होने को हैं, इसी को देखते हुए सपाक्स ने गुरुवार को प्रदेश कार्यालय भोपाल में बैठक की जहां निर्णय लिया गया कि पार्टी अब ” संपूर्ण समाज पार्टी ” के बैनर तले चुनाव लड़ेगी । इस दौरान सपाक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हीरालाल त्रिवेदी और संपूर्ण समाज पार्टी (ससपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंगल पांडे के बीच लंबे दौर की वार्ता चली । जिसमें यह निर्णय लिया गया कि सपाक्स के प्रत्याशी ” अंगूठी ” चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेंगे । सपाक्स के लिए चुनाव चिन्ह आवंटन में देरी होने से अब यह ” ससपा ” से गठबंधन कर चुकी है । इस बैठक में दोनों पार्टी के अन्य सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारी भी मौजूद थे ।
पहले सपाक्स लेकिन अब ससपा क्यों :
जैसा कि कई महीने पहले ही सपाक्स ने घोषणा कर दी थी कि वह इस चुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी । लेकिन इस चुनाव में पार्टी चुनाव चिन्ह की उलझन पड़ गई क्योंकि पार्टी नें चुनाव आयोग में पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया था जिसमें कई लोगों ने दावे व आपत्ति दर्ज कराई है । इसी कारण से चुनाव चिन्ह आवंटन में देरी हो रही है और इस चुनाव में यह नहीं संभव हो पाएगा । मतलब कि सपाक्स अपने प्रत्याशियों को अगर चुनाव में खड़ा करती है तो वह निर्दलीय उम्मीदवार कहलाएंगे इसलिए उसने अब सपा से गठबंधन किया है और उसी के बैनर तले दंगल लड़ रही है । अब आने वाले दिनों में पार्टी सीटों के लिए क्या गेम प्लान बनाती है यह देखने का विषय होगा |