दलित तांत्रिक ने नाक कान काट दी नाबालिग की बलि, ज़मीन में गड़ा धन निकालने की थी चाह
राजस्थान के अलवर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां एक 11 वर्षीय बालक को समाज में फैले अंधविश्वास के चलते अपनी जान गंवानी पड़ गई।
अलवर के नावली गांव में दलित तांत्रिक कालू बैरवा ने जमीन में गड़ा धन निकालकर अमीर बनने के लालच में 11 वर्षीय बालक निर्मल की बलि दे दी।
मृतक बालक निर्मल के पिता ने हमे बताया की निर्मल पिछले दो दिनों से घर से लापता था, परिजनों ने बालक के अपहरण के शक में मालाखेड़ा पुलिस थाने में शिकायत भी की थी। लेकिन पूरा परिवार उस समय सकते में आ गया जब रविवार को बालक निर्मल का क्षत विक्षत शव घर के पास ही सरसों के खेत में पड़ा मिला।
मृत शव के नाक कान कटे हुए थे और आंखो में काजल लगा था, मौके पर बलि देने और तांत्रिक विद्या के निशान भी मिले थे। जिसके बाद ढोंगी तांत्रिक कालू बैरवा पर बालक की हत्या करने का परिवार का शक यकीन में बदल गया। दरअसल कुछ दिनों पहले ही बालक के पिता का तांत्रिक कालू बैरवा से विवाद हुआ था तब तांत्रिक ने उसे यह कहकर धमकी दी कि “मै तेरा अहित कर दूंगा”।
मृतक के पिता ने बताया की तांत्रिक कालू ने उसके घर के पास ही पीर का चबूतरा बना रखा है जहां पर वह अपनी तंत्र विद्या के सारे काम करता था। बच्चे के पिता रघुवीर कालू तांत्रिक द्वारा चबूतरे पर तंत्र विद्या किए जाने का विरोध करते थे और रघुवीर ने तांत्रिक से चबूतरा हटाने को भी कहा था।
परिजनों के अनुसार आरोपी तांत्रिक बच्चे के पिता को धमकाता था,फिर भी जब रघुवीर के परिवार ने तांत्रिक का विरोध जारी रखा। जिस कारण परिवार से बदला लेने की सोच के साथ बलि देकर जमीन में गड़ा धन निकालकर अमीर बनने की सोच से मासूम बालक को मौत के घाट उतार दिया।
कानपूर में भी बच्चे की चाह में एक बच्ची का दुष्कर्म कर खाया था कलेजा
आपको बता दें कि पिछले दिनों ही कानपूर में भी एक दलित दंपत्ति ने बच्चे की चाह में एक मासूम लड़की की हत्या करवाकर उसका कलेजा खाया था। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अनुसार बच्ची के साथ दुष्कर्म भी किया गया था जिसके बाद उसका कलेजा निकाल उसको आरोपियों ने खा लिया था।