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UP: दलित प्रधान ने ब्राह्मण परिवार पर लगाया 3 SC-ST एक्ट व बलात्कार का मुकदमा, शौचालय में गड़बड़ी का लिखा था पत्र

बलरामपुर: उत्तर प्रदेश में एससी एसटी एक्ट के बेजा इस्तेमाल में एक दबंग दलित प्रधान ने एक ब्राह्मण परिवार पर मुकदमो की झड़ी लगा डाली। एक के बाद एक तीन एक्ट में दलित प्रधान ने पीड़ित को फसा डाला।

घटना उत्तर प्रदेश के जिला बलरामपुर की है जहां स्थित बहेरेकुइया ग्राम के निवासी अनिल कुमार पाठक पर दलित प्रधान के शौचालय में किये गए गड़बड़ झाले की शिकायत करने पर लगातार प्रधान द्वारा उन्हें डराया धमकाया व जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

पीड़ित द्वारा प्रधान के अपने चहेते कई ग्रामीणों से भारी धनराशि वसूल कर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्ज़ा कराये जाने एवं सरकारी धन का दुरूपयोग करने की शिकायत 15 दिसंबर 2018 को दर्ज कराई गयी थी।

जिससे तमतमाए दबंग दलित प्रधान ने पीड़ित को तीन फर्जी एससी एसटी एक्ट व एक बलात्कार के केस में फसा दिया। दरअसल प्रधान इलाके से रामरती पासवान है लेकिन उनका पुत्र राजेश पासवान खुद को इलाके का प्रधान बता कर सभी कार्य करता है।

पीड़ित पर थोपे गए पहले फर्जी एससी एसटी एक्ट को न्यायलय में राजेश पासवान द्वारा खुद को प्रधान बता डाला गया जिसके बाद हुई कार्यवाई में यह एक्ट फर्जी पाया गया था। जिसमे यह भी पाया गया था कि राजेश पासवान ने खुद को प्रधान बताया है बल्कि प्रधान उसकी माता जी है।

वहीं पीड़ित द्वारा लगातार अफसरों से किये जा रहे शौचालय घोटाले पर कार्यवाई की मांग से दलित प्रधान द्वारा पीड़ित ब्राह्मण परिवार से मारपीट भी शुरू कर दी गयी। जिसके बाद प्रधान द्वारा दुबारा अक्टूबर 2019 में उन्हें एक अन्य झूठे एससी एसटी एक्ट में फसवा दिया गया था। वहीं इस बार फिर इस एक्ट को जाँच में फर्जी पाया गया।

लगातार कई मुकदमो में फ़साने के बाद पीड़ित के अनुसार उसे झूठे बलात्कार में भी फसाया गया था जिसे थाने पर जाँच अधिकारी ने फर्जी पाया।

लगातार पीड़ित को फसाये जाने के बाद बीते जून माह में ही एक बार फिर उन्हें एससी एसटी एक्ट में फसा दिया गया। इस बार आरोप यह लगाया गया था कि कुछ महिलाये शौच के लिए जा रही थी जिसमे पीड़ित ने बुरी नियत से उन्हें दबोच लिया जिसके बाद शोर मचाने पर वह वहां से भाग गया। पीड़ित के अनुसार लगातार उसे प्रधान के घोटालो को उजागर करने के लिए परेशान किया जा रहा है।

वहीं थाने के सीओ से भी बात करने का हमने प्रयास किया लेकिन सीओ के नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण बात हो नहीं सकी।

साथ ही पीड़ित के दावों के उलट राजेश पासवान इनपर ही आरोप लगा रहा है। कथित आरोपी राजेश पासवान ने हमें बातचीत में बताया कि झूठे केस में फ़साने का पीड़ित का लम्बा इतिहास रहा है। राजेश के मुताबिक इससे पहले अनिल पाठक ने अपनी बेटी से मुकदमा करा उन्हें व उनके छोटे भाई को फसवा दिया था।

जिसकी जाँच करने पर पीड़ित ने हमें बताया कि यह लोग शिकायत करने के बाद घर में मार पीट करने आये थे व उस वक़्त पीड़ित की बेटियां घर में अकेली थी। जिसमे पुलिस वाले इन्हे घटनाक्रम से खुद पकड़ कर ले गए थे। साथ ही पुलिस द्वारा राजेश के खिलाफ चमामले में चार्ज शीट भी दायर की जा चुकी है।

कई एससी एसटी एक्ट व बलात्कार जैसे गंभीर मुकदमो को झेल चुके पीड़ित अनिल पाठक ने दरख्वास्त करी है कि उनके ऊपर से शेष तीसरा एससी एसटी एक्ट भी हटा दिया जाये व दोषी प्रधान के खिलाफ कार्यवाई की जाये। फ़िलहाल कोर्ट ने इस मामले पर पीड़ित की गिरफ़्तारी पर स्टे लगाया हुआ है।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

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