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तिवारी सुन दलित प्रधान के गुंडों ने पीट पीट कर किया अधमरा, SI ने रात भर बेल्ट से पीटा अब लगा रहे है SC-ST एक्ट

कानपूर: उत्तरप्रदेश के कानपूर के पास बसे एक गांव घाटमपुर में मानवता को कानून के जरिये तार तार करने का मामला सामने आया है। जहां घाटमपुर गाँव के प्रधान ने बकरी चराने जैसे छोटे मुद्दे पर एक युवक को पीट पीट कर मरणासन्न अवस्था में पंहुचा दिया है।

मामला सामने आने के बाद हमारी टीम ने इसकी पूरी जांच पड़ताल करी तो इसमें पुलिस की बर्बरता की बाते भी सामने आई है।

आपको बता दें कि पीड़ित वरुण तिवारी अपने दादा के स्वर्गवास होने के कारण फतेहपुर से कानपुर नगर के घाटमपुर में ग्राम ईछौली गया हुआ था।

जहां अपने खेतो में प्रधान राजबहादुर के भतीजे की बकरिया चराते देख उसने बकरी कही ओर चराने के लिए अनुरोध किया। जिसपर प्रधान के भतीजे ने अपना रसूक दिखाकर ब्राह्मणवादी गाली देते हुए कहा कि तुम मादर*** भिखारी ब्राह्मण हमें नहीं जानते हम कौन है।

वहीं प्रधान राजबहादुर के भतीजे की धमकी को नकारते हुए वरुण खुद ही उसकी बकरियों को बाहर निकालने लगा।

बकरियों के निकालने पर भतीजे ने प्रधान राजबहादुर को मौके पर बुला लिया जहां प्रधान ने आक्रोश में आकर वरुण को धक्का दें दिया जिसपर वह अपना बैलेंस बनाने के चक्कर में प्रधान को लेकर गिर पड़ा।

बस यही पर भतीजे ने अपने गुर्गो को खेतो में बुला लिया जिसके बाद करीब दो दर्जन प्रधानी गुंडों ने वरुण पर लाठी डंडो व हसिया से हमला बोल दिया।

वरुण को यह गुंडे तब तक मारते रहे जब तक वरुण मरणासन्न की हालत तक नहीं पहुंच गया। जिसके बाद वह वरुण को वही छोड़ कर फरार हो गए। वहीं वरुण की खबर मिलने पर उसके घरवाले मौके पर पहुंचे जहां वरुण गंभीर हालत में बेहोश पड़ा था।

आनन फानन में घरवाले वरुण को पास में ही स्थित सीएससी अस्पताल ले गए जहां प्रधान का पता चलने पर अस्पताल ने वरुण को भर्ती करने से मना कर दिया था।

हालाँकि बाद में पुलिस के हस्तक्षेप करने पर वरुण को भर्ती किया परन्तु हालत अधिक गंभीर होने पर उसे कानपूर के जिला अस्पताल रेफेर कर दिया गया। उपचार के बाद प्रधान राजबहादुर पर कार्यवाई करने के बजाये दबाव में पुलिस ने रात में वरुण को अस्पताल से छुट्टी दिलाकर जेल में डाल दिया।

जहां सुबह फिर वरुण के मुँह से झांक आने के बाद वह बेहोश हो गया। अस्पताल ले जाने पर होश में आने के बाद वरुण ने बताया कि रात भर महिला दरोगा पूजा ने उसे बेल्ट से पीटा है जिसके कारण वह बेहोश हो गया था।

इतना कुछ होने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाई करने से मना कर दिया व थानाप्रभारी प्रधान राजबहादुर के दबाव में आकर उल्टा एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की बाते करने लगे।

प्रधान राजबहादुर ने वरुण व उसके पुरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी है वहीं पुलिस द्वारा भी बार बार सुलह कर लेने को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है।

पुरे मसले में पड़ताल करने पर एक बात और निकल कर आई कि प्रधान राजबहादुर पूर्ण रूप से जातिवादी प्रवत्ति का व्यक्ति है जो ब्राह्मण विरोधी मानसिकता से ग्रस्त है ऐसे में वह अपने बाहुबल का इस्तेमाल कर पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने में लगा है जिसका पूर्ण रूप से पुलिस भी समर्थन कर रही है।

मामले पर हमसे बात करने पर वरुण के भाई मयंक ने बताया कि आरोपी उनके परिवार पर बहुत ही दबाव बनाकर केस वापस लेने की धमकी दें रहा है। वहीं उसके गुंडे भी उन्हें धमका रहे है। ऐसे में वरुण का पूरा परिवार जान जाने के डर से खौफ के साये में जीने को मजबूर है।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

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