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25 जिलों में नौकरी कर 1 करोड़ वेतन लेने वाली अनामिका शुक्ला निकली प्रिया जाटव

लखनऊ: एक साल में 25 जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) से एक करोड़ से अधिक का वेतन उड़ा ले जाने वाली अनामिका शुक्ला केस में नया मोड़ आया है। जाँच में अधिकारियो ने पाया कि 25 जिलों में एक साथ नौकरी कर रही अनामिका शुक्ला का असली नाम प्रिया जाटव है।

बीते शनिवार को पुलिस द्वारा अनामिका को कासगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद हुई जाँच में उसने अपना नाम प्रिया जाटव कबूला है।

धुंधली फोटो लगा लेती थी अनेक विद्यालयों में नौकरी
जाँच में पाया गया कि अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेजों पर प्रिया जाटव अपनी धुंधली फोटो लगा कर नौकरी पाती रही। साक्षात्कार के दौरान यह फोटो देखी जाती है, लेकिन धुंधली होने पर अभ्यर्थी के आधार कार्ड और अन्य पहचानपत्र के आधार पर चयन किया जाता है।

पुलिस के अनुसार अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जी बैंक खाता भी खुलवाया गया था व आधार कार्ड और पहचानपत्र भी धोखाधड़ी से बनवाया गया है।

Priya Jatav under police custody.

आपको बता दें कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में संविदा पर लगने वाली नौकरी में दस्तावेज की जांच नहीं होती है। वहीं साक्षात्कार के दौरान ही असली अभिलेख देखे जाते हैं। साथ ही चयन मेरिट के आधार पर होता है।

ऐसे में प्रिया ने दस्तावेजों को आधार बनाया, क्योंकि इसमें ग्रेजुएशन को छोड़ कर हाईस्कूल से इंटर तक 76 फीसद से ज्यादा अंक हैं। पुलिस जाँच में प्रिया जाटव ने कबूला कि कॉलेज समय में बीएससी की पढाई करते हुए उसकी मुलाकात मैनपुरी निवासी राज से हुई जिसने उसे एक लाख में नौकरी दिलाने का वादा किया था। दो वर्ष पहले उसने पैसे लेकर अनामिका को नियुक्ति पत्र भी दिलवा दिया।

बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल की शिकायत पर पुलिस ने जाटव के खिलाफ धारा 420, 467 एवं 468 में मुकदमा दर्ज कर लिया है व आगे की जाँच अभी जारी है।

प्रिया जाटव कैसे आई शिकंजे में
बीते एक वर्ष से प्रिया जाटव अनामिका शुक्ला बन 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी कर वेतन लेती रही। वहीं वेतन की कुल कीमत लगभग एक करोड़ बताई जा रही है।

बीते दिनों विभाग की ओर से शिक्षकों का डाटा बेस तैयार किया गया था जिसमे अधिकारियों के ये देख के होश उड़ गए कि एक ही नाम की अनामिका शुक्ला 25 जिलों में कार्य कर रही है जिसके बाद शक होने पर जाँच के आदेश दिए गए थे।


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Why Aarushi Kapoor is writing this piece?

Aarushi Kapoor is a student of journalism at the University of Delhi. She has a very keen interest in National politics and a knack over liberals and left-oriented politics. Moreover, She loves right because right is always right!

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