विकास कार्यो को बाधित करने के लिए महिला लगा रही है SC-ST एक्ट, ग्रामीणों ने प्रशासन से की शिकायत
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के एक गांव में महिला द्वारा गांव के विकास कार्यों का विरोध करने और आए दिन निर्दोष लोगों को रेप और एससी एसटी एक्ट के झूठे मुकदमे में फंसाने और धमकी देने का मामला सामने आया है। इससे गांव के लोगों में काफी दहशत है ।
ग्रामीणों के अनुसार निर्दोष लोगों को झूठे रेप और एससी एसटी एक्ट के मुकदमे में फसाना दलित महिला का पेशा बन गया है।
दरअसल मामला प्रतापगढ़ जिले के वरना ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले अमानी के पुरवा गांव का है। सीमा सरोज (40 वर्ष) पुत्री दखिनी सरोज शादीशुदा है और मायके में ही रहती है। सीमा सरोज ने अपने घर के सामने सार्वजनिक तालाब पर अवैध कब्जा कर रखा है। बारिश का पानी निकलने के लिए जब नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान नाला निर्माण कराने लगा तो सीमा सरोज ने अकारण इसका विरोध करते हुए 20 जून 2021 को प्रधान पर मारपीट करने और कपड़े फाड़ने का आरोप लगाते हुए एससी एसटी एक्ट का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। जिसके विरोध में ग्रामीणों ने सीओ कुंडा को ज्ञापन सौंपते हुए उस महिला पर कारवाई करने की मांग की।
पहले भी कई लोगो पर लगा चुकी रेप और एससी एसटी एक्ट का झूठा आरोप
ग्रामीणों ने हमें बताया कि कुछ साल पहले गांव के ही देवराज पटेल और बिहारिया गांव के उम्रदराज लोगो पर रेप और एससी एसटी का झूठा मुकदमा दर्ज करवा पैसा ऐंठ चुकी है।और अब ग्राम प्रधान पर ही नाले निर्माण के विरोध में मारपीट करने और कपडे फाड़ने का झूठा आरोप लगाते हुए एससी एसटी एक्ट का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया है।
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