सुप्रसिद्ध कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज को मिला धमकी भरा पत्र, मांगे गए 1 करोड़ रुपये
इंदौर- सुप्रसिद्ध कथावाचक और वृंदावन स्थित श्री गौरी गोपाल वृद्धाश्रम के अध्यक्ष श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज को एक धमकी भरा पत्र मिला है, जिसमें उनसे 1 करोड़ रुपये की मांग की गई है और ऐसा न करने पर उन्हें और उनके आश्रम को बम से उड़ाने की धमकी दी गई हैं। आपको बता दे कि कथावाचक श्री अनिरुद्धाचार्य जी की वर्तमान सप्त दिवसीय भागवत कथा का आयोजन इंदौर की विधानसभा क्रमांक 2 में किया जा रहा है, जहां उन्होंने मंच से ही उनकों मिले धमकी भरा पत्र को सबको दिखाया हैं।
इस पूरे मामले में गौरी गोपाल वृद्धाश्रम वृंदावन की तरफ से वृंदावन कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और महाराज को मिले धमकी भरे पत्र की जांच में जुट गई हैं। वहीं अनिरुद्धाचार्य जी का कहना भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग उठाई जा रहीं है, शायद यह बात किसी को अच्छी नहीं लग रहीं हैं।
कथावाचकों को लगातार बनाया जा रहा निशाना
आपको बताते चले कि नहीं यह पहला और कोई नया मामला नहीं है, जब सनातन धर्म की आवाज उठाने वाले कथावाचक को धमकी दी गई हैं। इससे पहले भी कई कथावाचकों और संतों को इस तरह की धमकियां मिल चुकी है, अभी हाल में ही बीते दिनों सुप्रसिद्ध बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को भी फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई थी।
कथावाचक श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज को मिले धमकी भरे पत्र में कहा गया है कि हम लोग तुम्हें बर्बाद करने के लिए ही वृंदावन आये थे, अगर एक सप्ताह के भीतर उन्हें 1 करोड़ रुपये नहीं मिले तो वह उन्हें और आश्रम को बम से उड़ा देगें। इतना ही नहीं उन्हें धमकी दी गई कि जब आप इंदौर में कथा सुना रहें होगें और उसी समय आपको अपने परिवार का अशुभ समाचार प्राप्त होगा, तो आपके पास पछतावे के अलावा कुछ भी शेष नहीं रहेगा।
जब आप कथा कर रहें होगें और उसी दौरान कथा पंडाल में 40-50 लोगों को मौत हो जाए तो पूरे भारत में आपका नाम मिट्टी में मिल जाएगा। इतना ही नहीं धमकी दी गई कि अगर इस बारे में पुलिस में शिकायत या कोई चालाकी करने की कोशिश की तो इसका हरजाना तुम्हें भरना पड़ेगा, जिसके बाद आपके पास रूतबा, पैसा और इज्जत कुछ भी शेष नहीं रहेगा।
वहीं अगर आप श्री गौरी गोपाल वृद्धाश्रम वृंदावन की बारे में जानोगे तो आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह एक ऐसा स्थान है, जहां बिना किसी भेदभाव के गरीब और असहाय वृद्ध माताओं को सहारा दिया जाता हैं। इतना ही नहीं साथ ही साथ यहां एक रसोई भी चलाई जाती है, जहां हर रोज वृंदावन आए हजारों, लाखों श्रद्धालुओं और भक्तों को भर पेट भोजन कराया जाता हैं।