न्यायालय के फैसले से नाखुश दलितों ने ब्राह्मणो पर किया हमला, SC-ST एक्ट का खौफ दिखा उल्टा घायलों को भेजा जेल
मध्य प्रदेश: होली के दिन जब पूरा देश रंग गुलाल उड़ा रहा था उस दिन रीवा जिले के नईगढ़ी थाना क्षेत्र के दलित बाहुल्य अटरा गाँव में कुछ लोग खून की होली खेलने की मंशा पाले हुए थे। दरअसल 18 मार्च को अटरा गाँव मे बड़ी घटना सामने आई है,जहाँ ब्राम्हण परिवार पर दलितों ने लाठी डंडो और धारदार हथियारों के साथ हमला बोला जिसमें कई लोग गम्भीर रूप से चोटिल हुए।
होली के दिन दोपहर करीब 12 बजे श्रीराम प्रकाश शुक्ला के पड़ोस में रहने वाले जनक कोल ने अपने साथी जगत कोल, राजीव कोल,भीमसेन कोल और अन्य करीब 40-50 लोगों के साथ पुराने विवाद को लेकर नशे की हालत में श्रीरामप्रकाश शुक्ला के घर हमला कर दिया, जिसमें शुक्ला परिवार के 4 लोगों को गम्भीर चोटें आई हैं, इसमें बृजगोपाल शुक्ला का सर फट गया और उनके 6 टाँके लगे,रामप्रकाश शुक्ला को 5 टाँके लगे है जबकि करम शुक्ला के गर्दन में चोट लगने की वजह से वो बेहोश हो गए थे।
महिलाओं को भी लगी चोटें, उनके साथ भी की गई छेड़छाड़
नशे की हालत में घर पर हमलावर इन आरोपियों ने महिलाओं तक को नहीं छोड़ा। घर की महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार एवम गाली-गलौच किया गया। परिवार के सदस्य राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला ने हमसे बातचीत में बताया की आरोपियों ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ एवम मारपीट भी की है। जिसमें निर्मला देवी शुक्ला की कमर और दाएं हाथ में जबकि ससुराल से घर आई राजेन्द्र की बहन ललिता शुक्ला के बाएं हाथ में गम्भीर चोट आई है।
पुलिस ने नहीं दर्ज की FIR, SC-ST एक्ट की दी धमकी,151 लगा मामले को किया रफ़ा दफा
पूरे मामले में पुलिस की संवेदनहीनता सामने आई है,जहाँ FIR करने गए पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट लिखने की बजाय पुलिस ने इन्हें SC-ST एक्ट की धमकी दे डाली। परिवार के सदस्य राजेन्द्र शुक्ला ने हमसे बातचीत में बताया कि थाना प्रभारी OP तिवारी ने FIR दर्ज करवाने के बदले में कहा कि फिर SC-ST एक्ट के लिए तैयार रहना जिससे पीड़ित परिवार और डर गया। पुलिस ने पूरे मामले में लीपापोती करते हुए दोनों पक्षों पर 151 लगाकर 5-5 लोगों को जेल भेज दिया था।
ब्राम्हण पक्ष जीत गया था केस जिसकी वजह से रंजिश पाले हुए थे दलित
पूरा मामला पुरानी रंजिश का निकलकर सामने आया है। बताया जा रहा है कि शुक्ला परिवार के 5 आम के पेड़ थे जिस पर दलित परिवार ने भी दावा कर रखा था,पूरा मामला कोर्ट पहुँचा जहाँ नईगढ़ी तहसील ने 2 बार फैसला शुक्ला परिवार के पक्ष में सुनाया। इसी रंजिश को लेकर होली के दिन नशे की हालत में दलितों ने हमला बोला।