अरे

अंधविश्वास के चलते 100 वर्ष से छत्तीसगढ़ के इस गाँव में नहीं हुआ होलिका दहन

कोरबा: त्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले के खरहरी गाँव में आश्चर्यजनक अंधविश्वास सामने आया हैं। इसी कारण गाँव के ही बच्चों को होलिका दहन और होली के बारे में पता ही नही हैं।

होली का त्यौहार न मनाने का मुख्य कारण ग्रामीणों का अंधविश्वास हैं। गाँव के ग्रामीणों का मानना है कि इससे बीमारियां और अन्य परेशानी हो सकती हैं।

अंधविश्वास का प्रकोप

छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले के खरहरी गाँव में एक आश्चर्य करने वाली बात सामने आई है। जहां गाँव के ही ग्रामीणों में अंधविश्वास इतना चरम पर है या यह कहें कि डर का इतना भयंकर माहौल हैं कि 100 वर्ष से अधिक समय से गाँव में न ही होलिका दहन होता है और न ही होलिका दहन के बाद होली का त्यौहार मनाया जाता हैं।

हमें प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीणों का मानना है कि गाँव में होलिका दहन करने से गाँव में आग लग सकती है और होली का त्यौहार मनाने से बीमारी और अन्य महामारी फैल सकती हैं। इसी धारणा के चलते गाँव के लोगों के जीवन से होली का त्यौहार पूरी तरह गायब हैं। इसी के चलते न तो गाँव की दुकानों पर रंग, गुलाल बिकता है और न ही यहां पिचकारियों की झलक दिखाई देती हैं।

Kobra, CG (PC: FB)

खरहरी गाँव में शादी के बाद आने वाली लड़कियों का भी मानना है कि गाँव में ब्याह कर आने के बाद उन्होंने कभी होलिका दहन और होली का त्यौहार नही मनाया हैं। उनका कहना है कि पहले जहां रहती थी वहां खूब होली खेला करती थी और होलिका दहन का उत्सव भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता था।

अंधश्रद्धा निर्मूलन समीति छत्तीसगढ़

वही छत्तीसगढ़ अंधश्रद्धा निर्मूलन समीति के अध्यक्ष डाॅ० दिनेश मिश्रा ने बताया कि ग्रामीण अपने अंधविश्वास के चलते ऐसी परंपरा निभा रहे हैं।

समीति अध्यक्ष श्री मिश्रा ने कहा है कि वह गाँव में जाएगें और लोगों को जागरूक करेगें जिससे वह इस अंधविश्वास की प्रथा से बाहर निकल सकें और खुशियों और रंगों के इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मना सकें।

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button