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रिहा हामिद 2012 में एफबी प्रेमिका खातिर गया था पाक, गम में भाई नें दी थी जान

प्यार खातिर वाया अफगानिस्तान पाक पहुंचे थे हामिद; जासूसी के आरोप में 6 साल से जेल में थे, भारतीय उच्चायोग 95 बार उठा चुका था मुद्दा

नईदिल्ली : प्यार में क्या-क्या होता है वाली सच्ची घटना को बयां करती एक दिलचस्प खबर माया नगरी मुंबई से निकलकर आई है | जिसमें मुंबई निवासी हामिद निहाल अंसारी 6 साल पहले अपने प्यार को पाने के लिए बार्डर पार कर पहुंच गए थे पाक | लेकिन उनके इस प्यार के पीछे पड़ गई पाकिस्तानी सेना और उन्हें जासूसी के आरोप में 6 साल जेल में रखा |

फेसबुक प्रेमिका से मिलने हामिद 2012 में चले गए थे पाकिस्तान :

हामिद की प्रेम कहानी ठीक शाहरुख़ और प्रीति जिंटा की फिल्म वीर-जारा की तरह ही थी | क्योंकि जब 2012 में वो अपनी प्रेमिका से मिलने पाक गए थे उसके पहले उनकी दोस्ती फेसबुक में एक पाकिस्तानी लड़की से हो गई थी | फिर प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि उसे पाने के लिए उन्हें सरहद भी पार करनी पड़ी | वो अफगानिस्तान होते हुए पाक पहुंचे थे जहां पाक सुरक्षा बलों नें जासूसी के आरोप में उन्हें जेल में डाल दिया था |

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आतंकी की तरह चला मुकदमा, भाई नें गम में दे दी थी जान :

हामिद जब भारत से चले गए थे उस वक्त जब ये खबर उनके परिवार को पता चली उसके बाद परिवार अपने खून को पाने के लिए पंछियों की तरह तड़प रहा था | अचानक खबर आती है कि जो पत्रकार (जीनत शहजादी) इस मामले की खोज कर रही थीं उन्हें कोर्ट में गवाही देने के ठीक 5 दिन पहले ही अगवा कर लिया गया | ये जानकर हामिद के भाई को गहरा आघात लगा और इस गम में उन्होंने जान दे दी | हालांकि भारतीय उच्चायोग नें पाक सरकार के सामने 95 बार इस मुद्दे को सामने रखा था | लेकिन बार-बार आनाकानी कर रहे थे खैर अब 6 साल की कड़ी मेहनत हामिद की रिहाई के साथ मंगलवार को साकार हो गयी |

बेटे को पाकर विदेश मंत्री से लिपट कर रोई मां कहा मेरी मैडम नें ही सब किया है :

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बिल्कुल फ़िल्मी सीन की तरह आगे बढ़ती इस घटना का अब वो दौर आया जब एक मां को उसका खोया बेटा 6 साल बाद बाघा अटारी बार्डर पर मिला, हामिद नें सबसे पहले अपनी धरती को चूमा और मां से लिपट गया | फिर परिवार बुधवार को विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज से मिलने दिल्ली पहुंचा जहाँ मुलाक़ात में सब भावुक हो उठे | सुष्मा जी ने कहा ” हामिद बेटा अब तुम घर आ गए हो, सबका बुरा वक्त होता है वो तुम्हारा दुर्भाग्य था ” |

मां बोली ” मेरा भारत कितना महान है ! मेरी सुष्मा मैडम नें ही सब किया है | मौत के मुंह से निकाला है, मैं 10 किलो 50 किलो मिठाई लाती लेकिन मीडिया की वजह से नहीं कर पाई ” | मां के साथ बेटे नें भी भावुक होकर धन्यवाद किया उस वक्त मंत्री सुष्मा भी भावुक हो गई थी |

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