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कानपुर बिकरू कांड में सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को दी जमानत, बीते ढाई साल से थी जेल में बंद

कानपुर- उत्तरप्रदेश में कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को 30 महीने के लंबे समय के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है, वहीं कोर्ट का कहना कि जमानत मिलने के बाद भी उन्हें हफ्ते में एक बार पुलिस स्टेशन में हाजरी लगानी होगी।

यूपी सरकार की दलील को किया खारिज

हालांकि खुशी दुबे को मिली जमानत का विरोध करते हुए यूपी सरकार ने कोर्ट में कहा कि खुशी दुबे पर पुलिस पर फायरिंग करने के लिए उकसाने का गंभीर आरोप है, इतना ही नहीं कोर्ट में सरकार की ओर से कहा गया कि खुशी दुबे उसी गैंग का हिस्सा है और अगर उन्हें जमानत दे दी जाती है तो गैंग फिर से एक्टिंव होने का खतरा हैं।

जिसके बाद कोर्ट ने यूपी सरकार की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि खुशी ट्रायल में पूरा सहयोग करेगी और उन्हें जमानत दे दी, कोर्ट ने कहा कि जिन शर्तों के आधार पर जमानत दी जा रहीं उसकी पूरी देखरेख की जिम्मेदारी सेशन कोर्ट की होगी।

30 महीने पहले घटी थी घटना

आपको बता दे कि 2 जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस पर गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ हमला कर दिया था, जिसके बाद हमले में डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा सहित 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। इस पूरी घटना में गैंगस्टर विकास दुबे के साथ-साथ उसका भतीजा अमर दुबे भी शामिल था, जिसे पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।

इतना ही नहीं बिकरू कांड में शामिल अमर की पत्नी खुशी दुबे को भी आरोपी बनाया गया था, जो महज 3 दिन पहले ही ब्याह कर अमर के घर आई थी। पुलिस का आरोप था कि जब अमर दुबे अपनी छत से पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग रहा तब खुशी उन्हें उकसाने का काम कर रहीं थी। जिसके बाद खुशी को भी हमले में बराबर का आरोपी मानते हुए 8 जुलाई 2020 को जेल भेज दिया था।

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