फलाने की पसंद

750 किलो प्याज के मिले ₹1064, किसान नें ₹56 और खर्च करके पीएमओ भेज दिया

महाराष्ट्र के किसान की दर्दे बयां करती घटना, 2010 में उन्नतिशील होने के नाते कृषि मंत्रालय नें कराई थी ओबामा से मुलाक़ात

मुंबई : अक्सर छोटी कक्षाओं में जब मास्टर जी या मैडम जी भारत देश पर निबंध लिखने को कहते थे तो ज्यादातर की पहली लाइन रहती कि ” भारत एक कृषि प्रधान देश है ” | हालांकि आज भी देश की एक बहुत बड़ी आबादी किसानों के भरोसे ही सुबह शाम भोजन ले पाती है लेकिन एक दूसरा कड़वा सच यह भी है कि वही किसान भूंखे भी सोते हैं |

सूखाग्रस्त नासिक के किसान की कचोटती दशा :

राजधानी दिल्ली में देश के लाखों किसानों नें अपनी विभिन्न मांगों के लिए रामलीला मैदान में 29 और 30 नवंबर को 2 दिन का मार्च किया था जिसमें अपने दर्दों को बयां करने देश के कोने-कोने से किसान आए थे | ऐसे ही एक खबर निकल कर महाराष्ट्र से आई है |

राज्य के सूखे प्रभावित जिलों में शामिल नासिक जिले की निपहद तहसील के किसान संजय राठे नें अपनी दशा समाचार एजेंसी पीटीआई को बताई | उनके अनुसार एक हफ्ता पहले उन्होंने पास की मंडी में 750 किलो प्याज बेंची जिसको प्रति किलो ₹1 के भी कम दाम में मंडी में खरीद रहे थे लेकिन अंत में सौदा प्रतिकिलो ₹1.40 पर हुआ | इस तरह से इस प्याज की कीमत सिर्फ ₹1064 ही उनके हाँथ में मिली |

4 महीने की दिन-रात जी तोड़ मेहनत के बाद ये स्तिथि उनसे देखी न गई और दुखी होकर उन्होंने फैंसला किया कि वो इन पैसों को विरोध स्वरूप पीएम को भेजेंगे | इसके बाद ₹56 और खर्च करके पास के पोस्ट आफ़िस से उन्होंने ₹1064 का मनीआर्डर प्रधानमंत्री राहत कोष के लिया भेज दिया |

2010 में उन्नतिशील किसान, अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात भी :

अब किसान संजय की एक दूसरी स्तिथि भी जानकर और हैरानी हुई कि 2010 में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय नें उन्हें देश के उन्नतिशील किसानों में चुना था | इसी के चलते पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति से उनकी इस उपलब्धि पर बातचीत भी हुई थी |

उन्होंने अपने क्षेत्र में खेती के लिए मिसाल पेश किया था जिसके कारण उन्हें कई रेडियो केन्द्रों में साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता रहा है |

लेकिन पिछले कई सालों से महाराष्ट्र के कई जिलों में किसानों पर सूखे का पहाड़ टूट रहा है उसी में नासिक जिला भी है | और वहीं के किसान अपनी दर्दभरी व्यथा कह रहे हैं |

हम राज्य व देश की सरकरों से अपील करते हैं कि ऐसे किसानों की स्तिथियों पर जल्द आवश्यक कदम उठाए जाएं |

इससे सम्बंधित

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button