चुनावी पेंच

शिवसेना नेता रमेश राजपूत का इस्तीफ़ा, ‘बिन पद 12 वर्ष की उम्र से हिंदूराष्ट्र के लिए कर रहा था काम’

मुंबई : शिवसेना के साथ  कांग्रेस के गठबंधन होने से दुखी शिवसेना नेता रमेश राजपूत नें इस्तीफ़ा दे दिया बोले मेरी चेतना व विचारधारा कांग्रेस के साथ काम करने की इजाजत नहीं दे रही |

महान दार्शनिक ओसो के चंद लफ़्ज हैं जिन्हें हम आज की सियासत से जोड़ सकते हैं, “भय और लोभ पर खड़े धर्मों को धर्म कहना धर्म की तौहीन है |” हाँ इसे हम महाराष्ट्र की सियासत से जोड़ रहे हैं जहाँ दलों नें विचारधाराओं को दरकिनार करते हुए सत्ता के लिए एक दूसरे के हाथ पकड़ने को तैयार हो गए | ताज़ा हाल ये है कि शिवसेना के नेतृत्व में कांग्रेस व NCP सरकार बना रही हैं और कल गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे |

Uddhav & Fadnavis

उधर इन फ़ैसलों की घोषणा होते ही एक शिवसैनिक नें भारी मन से शिवसेना का दामन छोड़ दिया | इनका नाम है रमेश राजपूत (सोलंकी) जोकि शिवसेना के युवा संगठन ‘युवासेना’, ‘शिवसेना’ व ‘BVS’ में कई पदों को संभाल रहे थे |  दरअसल रमेश पार्टी के कांग्रेस के साथ जाने से नाख़ुश हुए और उन्होंने पार्टी को ये जताया भी |

Former Shivsena Leader Ramesh Solanki

रमेश राजपूत नें अपने सिद्धांतों से समझौता न करते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया और  पार्टी से जुड़ने की तारीख़ से लेकर कल तक कि कुछ भावुक यादें अपने ट्विटर पर लगों से साझा की | रमेश इस्तीफ़ा देते हुए पार्टी प्रमुख उद्धव  व उनके बेटे आदित्य को आभार जताया, कहा कि “मेरा इस्तीफा, मुझे मुंबई, महाराष्ट्र और हिंदुस्तान के लोगों को काम करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद देता हूं |”

Ramesh Solanki With Aditya Thackeray

“ये सब मेरे लिए वर्ष 1992 में शुरू हुआ ! निर्भीक नेतृत्व और श्री बालासाहेब ठाकरे का करिश्मा, 12 साल की उम्र में मैंने बालासाहेब की शिवसेना के लिए काम करने के लिए इसे अपना दिल और आत्मा बना लिया था, आधिकारिक रूप से वर्ष 1998 में शिवसेना में शामिल  हुआ  | और तब से बालासाहेब की हिंदुत्व विचारधारा के बाद विभिन्न पदों और क्षमताओं में काम कर रहे हैं, कई उतार-चढ़ाव देखे हैं |”

Ramesh Solanki Profile

“बीएमसी, विधानसभा व लोकसभा जैसे कई चुनाव केवल एक सपने और एक उद्देश्य के साथ काम करते हुए देखे गए हैं हिन्दूराष्ट्र और महासंगमभारत | इसके लगभग 21 साल हो गए, पद या टिकट की कभी भी मांग नहीं की, बस मेरे दिन-रात सभी ने मेरी पार्टी के आदेश का पालन किया |”

Shivsainiks

“शिवसेना ने एक राजनीतिक निर्णय लिया और महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए  कांग्रेस और NCP के साथ हाथ मिलाया, महाराष्ट्र में सरकार बनाने और शिवसेना सीएम बनने के लिए बधाई और शुभकामनाएं | लेकिन मेरी चेतना और विचारधारा मुझे कांग्रेस के साथ काम करने की अनुमति नहीं देती है, मैं आधे मन से काम करता हूं और यह मेरे पद के लिए उचित नहीं है |”

“मेरी पार्टी, मेरे साथी शिवसैनिकों और मेरे नेताओं इसलिए भारी मन से मैं अपने जीवन का सबसे कठिन निर्णय ले रहा हूं, मैं शिवसेना से इस्तीफा दे रहा हूं | सभी शिवसैनिक ऐसे हैं जो हमेशा मेरे भाई-बहन रहेंगे, इसकी एक विशेष बॉन्डिंग है जो इस 21 वर्षों के दौरान खिल गई है, मैं बालासाहेब के शिवसैनिक हमेशा दिल से बना रहूंगा |”

Ramesh While Voting in Assembly Polls

“एक कहावत है ‘जब जहाज डूबता है सबसे पहले चूहे कूदकर भागते हैं’ लेकिन मैं एक जीतने वाले नोट पर जा रहा हूं जब शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बना रही है, तो शिवसेना मजबूत स्थिति में है, मैं छोड़ रहा हूं |”

“मैं अपनी विचारधारा और सिद्धांतों के लिए स्वाभिमानी शिवसैनिक के रूप में बाहर घूम रहा हूं, पिछले कुछ दिनों से लोग मेरा रुख पूछ रहे हैं मुझे बहुत जोर से और स्पष्ट होने दो “जो मेरे श्री राम का नहीं है (कांग्रेस) वह मेरे किसी काम का नहीं है |”

Meeting of Shivsena Leaders, Mumbai

“मैं एक बार फिर आदि भाई को प्यार और सम्मान देने के लिए धन्यवाद देता हूं, यह आपके साथ काम करने का अद्भुत अनुभव था, जय श्रीराम |”

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One Comment

  1. 105 sit wali janral students jo 95 present Lakr vi admition nhi le pata or 54, or 35 sit wale ka admition ho jata hai . Yhi to aarachan hai.

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