गोरखपुर में नाबालिगों पर दर्ज हुआ एससी एसटी एक्ट, गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस भी रह गई दंग
उत्तरप्रदेश- एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग के कई मामले हमें रोजाना देखने को मिल जातें है, लेकिन आश्चर्यचकित कर देने वाला मामला उत्तरप्रदेश के गोरखपुर जिले के गोला थाना क्षेत्र से सामने आया हैं। जहां बच्चों के बीच हुए मामूली विवाद में एक 7 साल के मासूम बच्चें सहित दो अन्य नाबालिगों के खिलाफ मारपीट और गाली गलौज करने के आरोप में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया गया है, हद तो तब हो गई जब पुलिस भी मामले में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नाबालिगों के घर पहुंच गई। लेकिन असलियत देख कर पुलिस की भी आंखे खुली की खुली रह गई।
आपको बता दे कि पूरा मामला 5 मार्च का है, जहां राजू कुमार पुत्र रामकरन निवासी खोपापार ने आरोप लगाते हुए गोला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि प्रार्थी का भाई निखिल व बड़े पापा का लड़का रवि उम्र 12 साल दोनों अपने घर के बाहर खेल रहे थे कि तभी सड़सड़ा गाँव निवासी भोलू, नितेश, झिनकू का लड़का आदित्य व अन्य लोगों ने मिलकर गाली गलौज करते हुए दोनों के साथ मारपीट कर दी, इतना ही नहीं बीच बचाव करने पर उसके साथ भी मारपीट की गई थी।
जानिए क्या है पूरा मामला?
वहीं इस पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए जब हमारी टीम ने जांच पड़ताल की और प्राथमिकी में नामजद नाबालिग के परिजन झिनकू यादव से बात की तो उन्होंने हमें बताया कि उनके परिवार के बच्चे दूध लेकर बनवारपार चौराहे पर देने जा रहे थे, इसी दौरान खोपापार हरिजन बस्ती निवासी राजू पुत्र रामकरन कन्या पुत्र रामहजूर व अन्य ने मिलकर मारपीट और गाली गलौज करते हुए सारा दूध जमीन पर गिरा दिया और विरोध करने पर बच्चों के साथ मारपीट कर दी।
उन्होंने बताया कि जब तीनों बच्चे रोते-बिलखते हुए घर वापस आ रहे थे, तभी रास्ते में आकाश पुत्र बलिराम यादव उम्र 16 वर्ष मिला और जब उसने बच्चों से रोने का कारण पूछा तो सभी लोगों ने इकट्ठा होकर उसे भी जान से मारने की धमकी देते हुए मारपीट कर दी। जिससे वह बुरी तरह लहुलुहान हो गया था और पुलिस ने दूसरे पक्ष की शिकायत पर क्राॅस एफआईआर दर्ज कर ली थी।
इतना ही नहीं जब हमने इस पूरे मामले में हुई पुलिस कार्रवाई के बारे में पूछा तो उन्होंने हमें बताया कि घटना वाले दिन रात के समय पुलिस प्राथमिकी में दर्ज नामजद लोगों को तलाश करने घर आई थी, लेकिन नाबालिगों को देखकर वापस चली गई थी। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि पुलिस अधिकारियों द्वारा इस पूरे मामले में जांच करने बात कहीं गई है, लेकिन अब तक प्राथमिकी में से नाबालिगों के नामों को हटाया नहीं गया हैं।