वनवास जाते वक्त जिस वन में रुके थे राम वो रामवन, रामायण के हैं सजीव चित्रण
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सतना: मध्यप्रदेश के सतना जिले में रामायण काल से जुड़ा पवित्र धार्मिक स्थल रामवन है। सतना शहर से 14 किलोमीटर दूर रामपुर बघेलान क्षेत्र अंतर्गत रामवन विंध्य क्षेत्र में बड़ा पर्यटक स्थल बन गया है।
रामवन के बारे में इतिहास बताता जाता है कि जब प्रभु श्री राम वनवास के लिए जाते हैं तो इसी वन में कुछ दिन गुजारे थे। भगवान राम के आगमन की यादों को संजोए ये स्थान काफी रमणीय है। रामवन प्रांगण में प्रवेश द्वार पर ही भगवान राम द्वारा सरयू पार करते हुए दृश्य वाला विशालकाय द्वार बनाया गया है।
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इसके आगे चलते ही अंदर वटवृक्ष के नीचे भगवान कृष्ण की गोवर्धन पर्वत वाली लीला की सजीव मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इसके आगे जाते ही अतिथि गृह मिलता है।
प्रांगण में आगे बढ़ते हुए अब सतना शहर का सुप्रसिद्ध तुलसी संग्रहालय मिलता है जोकि पुरातात्विक महत्व वाला है। यहां अद्वितीय कला वाली प्राचीन मूर्तियां, पक्की मिट्टी के बर्तन, तांबे के सिक्के, तांबे की प्लेटें, सोने चांदी की विशेष मूर्तियां आदि मिलती हैं। संग्रहालय के खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक है।
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इसके आगे चलने पर रामवन प्रांगण का मुख्य आकर्षण भगवान राम के अनन्य भक्त बजरंग बली की विशालकाय अभय मुद्रा वाली मूर्ति है। यहीं एक छोटा सा मन्दिर भी है। श्रद्धालु मूर्ति के पास ही प्रसाद चढ़ाते हैं और मंदिर की परिक्रमा करके मन्नत मांगते हैं। मन्दिर के चारो ओर कृत्रिम मधुर हनुमान भजन बजता रहता है।
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प्रांगण में आगे विशालकाय शिवालय मिलता है, यहां भगवान शिव की सपरिवार दिव्य मूर्तियां विराजमान हैं। भगवान शिव के साथ माता पार्वती व भगवान गणेश व कार्तिकेय की मूर्तियां हैं। शिवालय की दीवारों पर भगवान राम के जीवन आधारित प्रसंगों का चौपाइयों सहित चित्रण किया गया है।
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प्रांगण में अत्रिमुनि का प्राचीन आश्रम भी है। इस आश्रम में अत्रिमुनि ऋषि ध्यान की मुद्रा में हैं। वहीं प्रांगण में उस बाग़ को भी मूर्तियों के जरिए सजीव चित्रण किया गया है जिसमें भगवान राम फूल तोड़ने जाते थे। जबकि यहीं लवकुश को विद्याध्ययन कराते वाल्मिकी भगवान की मूर्तियां भी हैं।
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इसके अलावा रामवन प्रांगण में बजरंग बली का प्राचीन मंदिर है। तो प्रांगण के किनारे एक प्राचीन तालाब है और यहीं एक प्राचीन शिव मंदिर भी स्थित है।
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