चंचल शर्मा प्रकरण : पहले ब्राह्मण परिवार का घर गिराया, फिर FIR दर्ज करने से किया मना
मध्य प्रदेश: सागर के नरयावली थाना अंतर्गत ग्राम लहरिया सेमरा में हुए बहुचर्चित चंचल शर्मा प्रकरण में दबाव पड़ने पर प्रशासन द्वारा CBI जाँच के आदेश दे दिए गए है। आपको बता दें कि बीते दिनों सागर जिले में एक युवक राहुल यादव द्वारा खुद को आग लगाकर लड़की को भी मारने का प्रयास किया गया था। बाद में युवक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। साथ ही लड़की भी 60 फीसदी झुलस गई है। युवक राहुल के परिजनों ने घटना के बाद लड़की के परिजनों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
शादी के बाद मायके आई थी, लड़के ने आखिरी बार मिलने की बात कहकर जलाया
लड़की के मुताबिक वह दस दिन पहले ही अपने मायके आई थी। यहाँ राहुल यादव, जोकि लड़की से शादी के पहले से प्रेम करता था, वह मिलने की जिद कर रहा था। लड़की के अनुसार राहुल ने आखिरी बार एक मिनट के लिए ही मिलने की बात कही थी। जिसको लड़की ने स्वीकार्य करते हुए रात में आने को कहा।
रात में करीब 12 बजे राहुल अपने साथ बोतल में पेट्रोल लेकर आया जिसने लड़की व अपने ऊपर पेट्रोल डाल कर आग लगा ली। आवाज सुनने के बाद लड़की के परिजनों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया था। हालाँकि मामले में राहुल यादव की मौत हो गई व लड़की 60 फीसदी झुलस गई।
जो लोग नहीं थे मौजूद उन्हें भी किया नामजद
प्रकरण में लड़की के बड़े पिता व चचेरे भाई को नामजद किया गया है जोकि मौके पर मौजूद नहीं थे। नामजद विष्णु शर्मा अपने निवास, जोकि घटनास्थल से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है, पर मौजूद थे। वहीं विष्णु शर्मा का पुत्र करीब 80 किलोमीटर दूर शहर में कोचिंग देता है। दोनों लोग घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे बावजूद उन्हें नामजद कर जेल भेज दिया गया है।
बिना दोषसिद्ध हुए गिराया घर
सरकार के द्वारा बिना दोष सिद्ध हुए घर गिराने पर भारी विरोध झेलना पड़ रहा है। मात्र आरोप भर से सरकार ने लड़की का घर बुलडोजर की मदद ध्वस्त कर दिया है। जिसपर पनपे विरोध के बाद सरकार ने मामले की CBI जाँच के आदेश दिए है।
नहीं दर्ज हो रही FIR
लड़की पक्ष से पुलिस द्वारा FIR दर्ज नहीं करी जा रही है। लड़की के चाचा ने हमसे बातचीत में कहा कि उनके द्वारा तहरीर दिए जाने के बावजूद FIR नहीं दर्ज की गई है। लड़की के बयान के बावजूद उनपर पुलिस दबाव बना रही है। परिजनों की मांग है कि दोनों की कॉल डिटेल्स, मैसेज व CDR को सार्वजनिक किया जाए। परिवार को सरकारी प्रतिक्रिया ने भारी ठेस पहुंचाई है।
घर गिरने के बाद, सिर छुपाने को नहीं है छत
परिजनों के अनुसार बिना किसी सुचना के प्रशासन ने उनका घर गिरा दिया है। घर पर कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। सभी नामजद लोगो ने गिरफ़्तारी दें दी थी। ऐसे में घर गिराने का कोई मतलब नहीं बनता था। प्रशासन की एकतरफा कार्यवाई की परिवार ने आलोचना की है।
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