जज द्वारा आंबेडकर की फोटो हटवाने पर बढ़ा बवाल, दलित संगठनों ने SC-ST एक्ट तो BJP विधायकों ने बर्खास्त करने की उठाई मांग
रायचूर – पिछले दिनों गणतंत्र दिवस के मौके रायचूर की जिला अदालत परिसर में ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जहां कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से अंबेडकर की फोटो हटाये जाने को लेकर हंगामा हो गया था। आरोप लगाया जा रहा है कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मल्लिकार्जुन गौड़ा ने आंबेडकर की फोटो लगी होने पर ध्वजा फहराने से मना कर दिया था। जिसके बाद फोटो को वहां से हटा दिया गया था।
इसी घटना के चलते अगले दिन 27 जनवरी को रायचूर में वकीलों, छात्रों, और अन्य राजनैतिक दलों के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए करीब 5 घंटे तक सड़क जाम कर रखा था।
हुबली में भी विरोध प्रदर्शन
रायचूर में जिला अदालत परिसर में समारोह में कथित घटना को लेकर बुधवार को हुबली में भी संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया।
जहां सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी बीआर अंबेडकर सर्कल में जमा हो गए, वहां से उन्होंने नारेबाजी करते हुए एक रैली निकाली और तहसीलदार के कार्यालय पहुंच कर तहसीलदार महोदय को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने अंबेडकर की तस्वीर हटाने की मांग करने वाले जज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने कार्रवाई के लिए 30 दिनों का अल्टीमेटम दिया और प्रशासन द्वारा उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं करने पर राज्य भर में और विरोध प्रदर्शन की धमकी दी गई हैं।
वहीं वरिष्ठ वकील मल्लेशी सज्जन ने कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश से रायचूर के न्यायाधीश पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने की अपील की, जिन्होंने कहा, उन्होंने न्यायिक पवित्रता को धूमिल किया।
भाजपा विधायकों ने की बर्खास्त करने की मांग
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] से कर्नाटक विधानसभा विधायक और कर्नाटक रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष शिवना गौड़ा नायक ने न्यायाधीश को बर्खास्त करने की मांग की है। भाजपा के एक अन्य विधायक, पूर्व मंत्री शिवनगौड़ा नाइक ने गुरुवार को न्यायाधीश के कृत्य को शर्म की बात बताया और उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
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