22 साल बाद RJD नें ‘सवर्ण’ नेता को बनाया पार्टी अध्यक्ष !
पटना (बिहार) : विधानसभा चुनाव से पहले RJD नें 22 सालों के पार्टी के इतिहास में पहला सवर्ण अध्यक्ष बनाया है ।
बिहार में RJD नें अपने पार्टी संरचना में बड़ा बदलाव किया है, ये बदलाव राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा को नजर में रखते हुए किया गया है | कल पार्टी नें बिहार प्रदेशाध्यक्ष की कमान वरिष्ठ नेता जगदानंद के हांथों में सौप दी।
राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आदरणीय श्री जगदानंद सिंह जी को निर्विरोध @RJDforIndia का प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होने पर पूरे युवा राजद परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई। pic.twitter.com/vRnCLBXOpk
— Qari Sohaib (@qarisohaibrjd) November 27, 2019
कैमूर जिले से आने वाले जगदानन्द हाल ही में हुए चुनाव में अकेले उम्मीदवार थे | इस तरह से जगदानन्द निर्विरोध बिहार RJD अध्यक्ष हैं आपको बता दें कि वो पूर्व में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं |
RJD के नए प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ताजपोशी
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— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) November 28, 2019
कल पार्टी नें राज्य परिषद की बैठक में पटना के विद्यापति भवन में उनका सम्मान किया गया तदोपरान्त RJD निर्वाचन पदाधिकारी तनवीर हशन नें वरिष्ठ नेता को बिहार की कमान भी सौपी |
आज पटना में राज्य परिषद की बैठक के बाद नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानंद सिंह जी को मनोयन पत्र सौंपा. pic.twitter.com/NYSRKlagQz
— Dr Tanweer Hassan (@DrTanweerHassan) November 27, 2019
अब वो RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने के लिए 28 नवंबर को रांची का दौरा भी करेंगे |
उधर RJD की विरोधी व JDU की साथी भाजपा नें जगदानन्द की नियुक्ति को सवर्णों के वोटबैंक को बटोरने के लिए चाल करार किया है जिसे लालू की पार्टी नें 22 सालों में दरकिनार किया |
सूपड़ा साफ होने पर राजद ने सवर्ण को अध्यक्ष बनाया… pic.twitter.com/lwKH3jqa4U
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 28, 2019
बिहार भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी नें कहा कि “लालू प्रसाद ने 22 साल तक सवर्ण समाज के किसी व्यक्ति को बिहार प्रदेश राजद की कमान नहीं सौंपी। विधानसभा और लोकसभा के लिए टिकट देने में भी केवल दो समुदायों को तरजीह मिलती रही।”
“हाल के लोकसभा चुनाव में पार्टी का सूपड़ा साफ के बाद ऊंची जाति के एक व्यक्ति को जब मजबूरी में प्रदेश बनाया भी गया तो तब पार्टी नें उनका फ़ीका स्वागत किया | औपचारिक घोषणा के समय केवल वही युवराज मौजूद थे, जिन्हें (तेजप्रताप) पावर वार में दरकिनार किया जा चुका है |”
लालू प्रसाद ने 22 साल तक सवर्ण समाज के किसी व्यक्ति को बिहार प्रदेश राजद की कमान नहीं सौंपी। विधानसभा और लोकसभा के लिए टिकट देने में भी केवल दो समुदायों को तरजीह मिलती रही।
हाल के लोकसभा चुनाव में पार्टी का सूपड़ा साफ के बाद ऊंची जाति के एक व्यक्ति को जब मजबूरी में प्रदेश…. pic.twitter.com/BX1bNtbp0q
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 27, 2019
सुशील मोदी की बातों पर तथ्यात्मक जाएँ तो जगदानन्द 22 साल के RJD इतिहास में पहले सवर्ण अध्यक्ष हैं |
#आमरण_अनशन स्थल पर पहुंचे राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानंद सिंह जी व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री राजनीति प्रसाद जी के साथ लोकसमता के मसीहा रहे जननेता व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वी.पी. सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की ?#शिक्षा_सुधार_वरना_जीना_बेकार pic.twitter.com/4bx5v9iq31
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) November 27, 2019
जुलाई 1997 में बनीं RJD में प्रदेश अध्यक्ष की कमान तीन महादलित कमल पासवान, उदय नारायण चौधरी और पीताम्बर पासवान, एक पिछड़ा वर्ग से रामचन्द्र पूर्वे व एक अल्पसंख्यक अब्दुल बारी सिद्दीकी |
आपको बता दें कि RJD के ज्यादातर विरोधी इसे सवर्ण विरोधी बताते हैं जिसे RJD लोकसभा चुनाव में ख़ुद भुगत भी चुकी है जब उसने संसद में अकेले सवर्ण आरक्षण का विरोध किया था | जिसके बाद पार्टी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रताप सिंह नें एक बयान में कहा सवर्ण आरक्षण का विरोध पार्टी को ले डूबा |
इसके अलावा पार्टी के ट्विटर हैंडल से भी सवर्ण जाती के लिए कई आपत्तिजनक ट्वीट लिखे जाते रहे हैं |
हालाँकि बिहार में सवर्णों का प्रभुत्व मायने रखता है और यही कारण है कि RJD चुनाव में सभी वर्गों को साथ में लेने के लिए सभी पांसे फ़ेक रही है |
अधिसूचना – pic.twitter.com/1XdfgM0Zmq
— Dr Tanweer Hassan (@DrTanweerHassan) November 27, 2019