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प्रमोशन में आरक्षण का मामला, दलित संगठन की पसंद के वकील पर MP सरकार ने खर्च किये 12 करोड़ रूपये

भोपाल: पदोन्नति आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट में आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति और जनजाति) का पक्ष रखने के लिए सरकार द्वारा आधा दर्जन से ज्यादा वकीलों को काम पर लगाया गया है, जिस पर सरकार द्वारा अब तक 12 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी हैं।

आरक्षण पर करोड़ों रूपये खर्च

दरअसल पदोन्नति में आरक्षण का मामला 2016 से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और प्रदेश सरकार रवैया देखकर साफ तौर पर यह समझा जा सकता है कि प्रदेश सरकार पदोन्नति आरक्षण के पक्ष में हैं।

मध्यप्रदेश में आरक्षित वर्ग का पक्ष मजबूती से रखने के लिए सरकार ने अपने खर्च पर वकील उपलब्ध कराये थे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में आरक्षित वर्ग की सुनवाई के लिए दलित संगठन जिन भी वकीलों को चाहेगा उसका पूरा खर्च प्रदेश सरकार उठायेगी।

इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अब तक वकीलों पर सरकार द्वारा लगभग 12 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। भविष्य में यह खर्च राशि और भी बढ़ने के आसार हैं।

एक पक्ष का रखा जा रहा ध्यान

वही खबरों की माने तो पदोन्नति आरक्षण मामले में अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों और सपाक्स का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थिति स्पष्ट कर देने के बाद भी सरकार एक ही वर्ग को मनाने में लगी हैं।

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