रिपोर्ट: मिट्टी के घरो में रहने वाले सवर्णो का नाम काट पक्के मकान वाले दलितों को दिया जा रहा आवास योजना का लाभ
सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के ग्राम पंचायत खुदौली मे व्यापक पैमाने पर धांधली सामने आई है।गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को ही पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।जबकि अपात्र लोगो का नाम ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के साठ – गाठ से पैसे लेकर लिस्ट में शामिल किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जिनके पास पक्का मकान है उनका नाम पीएम आवास के लाभार्थी की सूची में डाला गया है जबकि जो झुग्गी झोपड़ी में रहने को मजबूर है उन्हे लिस्ट में शामिल ही नहीं किया गया है क्योंकि वो ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी द्वारा तय की गई रकम देने में असमर्थ हैं।
झोपड़ी में रह रहे सोनू मिश्रा का लिस्ट में नहीं है नाम
लंभुआ तहसील के ग्राम पंचायत खूदौली के ग्राम परिजनपट्टी के निवासी सोनू मिश्रा पुत्र अभय नारायण मिश्रा और उनकी पत्नी ममता झोपड़ी में रहते है और पीएम आवास योजना का लाभ लेने के लिए पात्र भी है मगर ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी से लाख गुजारिश करने के बाद भी सेक्रेटरी जय श्री देवी उन्हे पीएम आवाज योजना की लिस्ट में शामिल नहीं कर रहे हैं।
पीएम आवास योजना लिस्ट में नाम दर्ज करने के लिए मांग रहे घुस
पीएम आवास योजना की लिस्ट में नाम दर्ज करने के लिए पात्र नहीं बल्कि घुस लेकर पात्र बनाया जा रहा है। सोनू मिश्रा ने बताया कि वो पत्नी के साथ सेक्रेटरी जय श्री देवी के यहा पीएम आवास योजना का लाभ लेने के लिए चक्कर लगा लगाकर थक चुके है मगर उनकी कोई बात नहीं सुनी जा रही है जबकि अपात्र रीता पत्नी संजय कुमार रजि.नंबर 133627409 को घुस लेकर लिस्ट में दर्ज कर लिया गया और 40 हजार की पहली किस्त भी जारी कर दी है।
अपात्र है मगर घुस लेकर कर दिया लिस्ट में नाम दर्ज
ऐसे और कई नाम है जो अपात्र है मगर घुस लेकर उन्हे लिस्ट में शामिल करते हुए 40 हजार की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है।बाबूलाल पुत्र चैतू,भोली पत्नी गनपत,कंचन पत्नी शिवप्रसाद और ऐसे कई नाम है जो अपात्र होते हुए भी लिस्ट में शामिल है।मगर सोनू मिश्रा झोपड़ी में रहते हुए भी पात्र नहीं बन पाए क्योंकि उनके पास सेक्रेटरी को घुस देने के लिए पैसे नहीं है।
सवर्णो को पात्रता के बावजूद किया गया बाहर, पक्के मकान वाले दलितों को दिया गया आवास योजना का पैसा
शिकायतकर्ता ने हमें बातचीत में बताया कि कई सारे गैर दलित लोगो के नामो को पात्रता होने के बावजूद लिस्ट से अंतिम समय में बाहर कर दिया गया है। जबकि दलितों को पक्का मकान होने पर भी लाभ दिया गया है। गांव के ही शम्भू सरोज के पास पक्का मकान है बावजूद उसके उनको आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है। ऐसे ही लिस्ट में शामिल हुए अभय राज के पास भी अपना पक्का मकान है जिसके बाद भी उनके पात्रता सूचि में शामिल कर लिया गया है। ऐसे ही न जाने कितने दलितों को अपात्र होने के बावजूद योजना का लाभ दिया जा रहा है जबकि इसके एवज में गैर दलितों के नामो को काटा जा रहा है।
ऐसी ही गाँव में रहने वाली ममता मिश्रा किसी तरह मिट्टी के घर में अपना गुजर बसर कर रही है। जिनको अपात्र दिखाते हुए उनका नाम ही गायब कर दिया गया है। ममता ने हमें बताया कि आखिरी समय तक उनका नाम लिस्ट में था लेकिन फाइनल चयन में उन्हें अपात्र बता दिया गया। जबकि बरसात में उनका पूरा अन्न व सामान अकसर भीग जाया करता है। इसी तरह रामशंकर यादव की पत्नी को भी अपात्र बता दिया गया है जोकि कच्चे मकान में रह कर जीवन व्यतीत कर रही है। उन्होंने हमें बताया कि उनसे मोटी रकम मांगी गई थी जिसे न चुकाने पर उनका नाम काट कर दलितों का जोड़ दिया गया।
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