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राजस्थान: जमीन हड़पने से आहत पुजारी ने त्यागे थे प्राण, 3 दिन बाद भी नहीं हुआ अंतिम संस्कार

दौसा: राजस्थान के दौसा के महवा क्षेत्र के टिकरी जफरान गांव में मूक-बधिर पुजारी की मौत का मामला गरमाया हुआ है।

3 दिन बाद भी पुजारी का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया तो राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल पुजारी परिवार को न्याय दिलाने के लिए 3 दिन से लगातार थाना महवा पर डटे हुए हैं।
मामले को लेकर स्थानीय निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुडला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संबंध में पत्र लिखकर पुजारी परिवार को न्याय दिलाने की मांग की लेकिन 3 दिन बाद भी सुध लेने कोई मंत्री नहीं आया।

मामलेपर ताजा जानकारी है कि ADM लोकेश मीना व ASP अनिल चौहान महवा पहुंचे हैं और राज्यसभा सांसद डॉ.किरोड़ीलाल मीना से वार्ता कर रहे हैं। गौरतलब है कि सांसद महवा थाने के सामने टीकरी के पुजारी शिंभू के शव के साथ तीसरे दिन भी धरने पर बैठे हैं। बताया गया कि धरना स्थल पर आज सभी समाज के बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे।धरना स्थल पर बड़ी संख्या में आसपास के छात्र एकत्रित हुए जिनका उद्देश्य पुजारी परिवार को न्याय दिलाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करना था।

आपको बता दें कि दोसा की महवा क्षेत्र में पुजारी शिंभू शर्मा की लगभग 26 बीघा जमीन पर गांव के ही दबंग लोगों ने कब्जा कर लिया। दबंगों ने इनमें से 2 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करवा ली जबकि पुजारी की बेशकीमती जमीन की कीमत करोड़ों में है। इस सदमे में आकर पुजारी ने प्राण त्याग दिए थे।

धरना स्थल पर सिरोही सांसद किरोड़ी और उनके समर्थकों की मांग की है कि 24 बीघा जमीन पर दबंगों के निर्माण को हटाकर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाकर पुजारी परिवार को सौंपा जाए। सब रजिस्ट्रार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित हो तथा महवा थाने में आरोपियों की गिरफ्तारी हो।
सांसद किरोड़ी ने सरकार पर आरोप लगाया कि मुख्यमत्री गहलोत और उनकी सरकार चैन की नींद सोए हुए हैं कि उन्हें गरीब ब्राह्मण के दुख भी नजर नहीं आ रहे हैं।

धरना स्थल पर धरना दे रहे युवा छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने 2018 के चुनाव में विप्र आयोग के गठन का वादा किया था लेकिन उसके उलट कांग्रेस सरकार में ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं।

यह तो यह पहला मौका नहीं है कि जब ब्राह्मण परिवार की जमीन दबंग लोगों ने हथिया ने पिछले वर्ष करौली में भी ऐसी घटना हुई थी जहां पुजारी को जिंदा जला दिया गया था।

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