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राजस्थान: ईडब्ल्यूएस बोर्ड के बाद बजट में सवर्णों के उत्थान के लिए 100 करोड़ रुपये, जानिए बजट में और क्या है खास

राजस्थान सरकार ने आज विधानसभा में अपना बजट 2022-23 पेश कर दिया हैं। विधानसभा सत्र के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि यह बजट, आम नागरिक के खुशहाल जीवन के सपने को साकार करने, सतत् विकास की गति बनाये रखने, आधारभूत सुविधाओं का विकास करने के साथ साथ सभी वर्गों के कल्याण का भी ध्यान रखा गया है।

सवर्णों के लिए 100 करोड़ रुपये

राजस्थान सरकार द्वारा बजट 2022-23 में खास तौर सामान्य वर्ग को साधने का प्रयास किया गया हैं। जहां पहले से ही ईडब्ल्यूएस बोर्ड बनाने के बाद, बजट में सवर्णों के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

वही देखा जाये तो गहलोत सरकार बजट में सवर्णों के साथ साथ एससी एसटी वर्ग के लिए भी 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए आयु में छूट

अन्य श्रेणी के उम्मीदवारों की तरह ही अब ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्र भी आयु में छूट का लाभ उठा सकते हैं। अब, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पुरुष उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में पांच साल की छूट और महिला उम्मीदवारों के लिए 10 साल की छूट का लाभ मिल सकता है।

किसानों के लिए 5,000 करोड़

गहलोत सरकार द्वारा बजट में किसानों का भी खासा ध्यान रखा गया और बजट में किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत 5,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई हैं। जो पिछले दिनों 2,000 करोड़ रुपये थी।

साथ ही साथ सूक्ष्म सिंचाई मिशन योजना के तहत 2,700 करोड़ रुपये मंजूर किए गए है, जिसके तहत प्रदेश के 5 लाख किसान लाभान्वित होंगे।

वही मजदूरों के लिए भी 700 करोड़ रुपये मंजूर की गई हैं। जिसमें मनरेगा कार्यक्रम के तहत मिलने 100 दिन के रोजगार को बढ़ाकर अब 125 दिन कर दिया गया हैं।

बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी खुशखबरी

वही बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी सरकार 4,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जिसमें 100 यूनिट का उपयोग करने वालों के लिए 50 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी, सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक 3 रुपये प्रति यूनिट तक का अनुदान तथा 150 से 300 यूनिट और उससे अधिक के उपभोक्ताओं के लिए 2 रुपये यूनिट का अनुदान दिया जाएगा।

वही पिछले विधानसभा चुनाव में, सवर्ण आबादी ने भाजपा के साथ अपना असंतोष दिखाया था और बड़ी संख्या में नोटा को चुना था। इसके कारण कांग्रेस स्थिर सरकार बनाने में सफल रही। हालाँकि, पिछले 4 वर्षों में चीजें बदल गई हैं, इसलिए कांग्रेस नेतृत्व सवर्णों को खुश करना चाहता है, जो राज्य में सरकार चुनने के लिए कुल अबादी का 30% हैं। 

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