पायलट समर्थक विधायक बोले- राहुल से मुलाक़ात का वक्त चाहते हैं, नहीं मिला तो दे देंगे इस्तीफा
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जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में विधायकों के बीच जारी गतिरोध से एक बड़े सियासी हलचल की आहट साफ सुनाई दे रही है।
दरअसल पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच गतिरोध समाप्त हुए लगभग 1 साल हो गए हैं लेकिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से हटाने और उनके साथी रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह को मंत्री पद से हटाने के बाद दोनों के मध्य संतुष्टि साफ जाहिर है।
दरअसल राजस्थान में आगामी 4 सीटों पर उप चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी के भीतर गतिरोध अब राजनैतिक मुद्दा बन गया है। विधायक रमेश मीणा ने विधानसभा में SC/ST विधायकों की उपेक्षा करते हुए उनकी अनदेखी की बात कही तो उन्होंने अब कह दिया कि उन्हें राहुल गांधी से मिलने का वक्त चाहिए लेकिन राहुल जी वक्त ही नहीं देते।
कांग्रेस विधायक ने आगे इस्तीफा की धमकी देते हुए कहा कि यदि अबकी बार राहुल की तरफ से बातचीत का समय नहीं मिल पाता तो वे इस्तीफा दे देंगे।
तो अब सचिन पायलट समर्थक दो अन्य विधायक मुरारी मीणा और वेद प्रकाश सोलंकी भी विधायक रमेश मीणा के साथ हो लिए। उन्होंने कहा की एससी एसटी विधायकों को केवल बिना माइक की ही सीट नहीं दी जाती बल्कि उनके साथ बजट स्वीकृत करने में भी भेदभाव किया जाता है।
मुरारी मीणा ने कहा कि सरकार के कई मंत्री SC/ST विधायकों के साथ मिलकर काम नहीं करते। हम इस बारे में हाईकमान से मिलेंगे और बात करेंगे। वहीं वेद प्रकाश सोलंकी ने बयान दिया कि सदन में कुछ लोगों को ही बोलने का मौका दिया जाता है,क्या हमारे दलित वर्ग के विधायक बोलना नहीं जानते ?
विधायकों की इस प्रकार के बयान को उप चुनाव से पहले कांग्रेसी से इतर अपनी नई सियासी जमीन तलाशने के एक कदम की तरह देखा जा रहा है।
वहीं दांडी यात्रा के एक 9 साल पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री गहलोत ने जयपुर में प्रतीकात्मक दांडी मार्च निकाला तो कोई भी पायलट गुट समर्थक विधायक मार्च में नहीं पहुंचा। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में किसी को आने के लिए पीले चावल बांटने की जरूरत नहीं पड़ती जिसको आना है वह आए।