खुलासा: कांग्रेस प्रतिनिधमंडल ने हाथरस पीड़ित परिवार से मुलाकात कर रेप नहीं जानलेवा हमला बताया था
हाथरस (UP): हाथरस कांड को कांग्रेस ने खुद जानलेवा हमला से कुछ दिनों बाद रेपकांड बता दिया।
हाथरस केस में अब नए नए तथ्य सामने आ रहे हैं जैसा कि केस में मेडिकल व FCL रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है न कि खुद पीड़ित के भाई की लिखी तहरीर में रेप का जिक्र किया गया था।
उधर इस मुद्दे को उठाने वाली उत्तरप्रदेश की दलित कांग्रेस खुद इसे रेप का मामला नहीं मानती थी। क्योंकि जब 22 सितंबर को उत्तर प्रदेश दलित कांग्रेस प्रदेश प्रभारी प्रदीप नरवाल ने ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने पीड़ित व प्रशासन से मुलाकात के बाद इसे जानलेवा हमला बताया था।
नरवाल ने 22 सितंबर को कहा था “हाथरस दलित वाल्मीकि समाज की बेटी के साथ जानलेवा हमले के मामले में कांग्रेस डेलिगेशन ने पीड़िता से अलीगढ़ JN हॉस्पिटल में एवं परिवार से हाथरस गांव बुलगड़ी पहुँच मुलाकात कर प्रशासन से न्याय व मुआवजे की मांग की।”
हाथरस में दलित वाल्मीकि समाज की बेटी के साथ जानलेवा हमले के मामले में कांग्रेस डेलिगेशन ने पीड़िता से अलीगढ़ JN हॉस्पिटल में एवं परिवार से हाथरस गांव बुलगड़ी पहुँच मुलाकात कर प्रशासन से न्याय व मुआवजे की मांग की।
बेटी का जल्द मेडिकल कर जल्द अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। pic.twitter.com/thFiJoUfjW
— Pradeep Narwal प्रदीप नरवाल پردیپ نارووال (@Narwal_inc) September 22, 2020
बता दें कि कांग्रेस द्वारा ट्वीट किए गए रिपोर्ट में उस मुलाकात को लेकर बताया गया था कि “उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी प्रशासन सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव के निर्देश पर एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल ने आरोपितों की गिरफ्तारी के अलावा पीड़ित को न्याय दिलाने की बात पुलिस अधीक्षक से कही थी। एसपी से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने बूलगढ़ी जाकर पीडि़ता के स्वजनों से बातचीत की थी।”
उस दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री दीपक कुमार, उपाध्यक्ष योगी जाटव, सचिव मोङ्क्षनदर सूद वाल्मीकि, सचिव मुकेश धनगर, संगठन सचिव संजीव शर्मा, पूर्व मेयर प्रत्याशी मोहन सिंह, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य कमल किशोर आनंद, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के सचिव योगेश जाटव, अध्यक्ष कुलदीप और कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य मौजूद थे।
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