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देश भर के 100 से अधिक आदिवासी दलित आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में डाल रहें है याचिका

मंदसौर: देश में आरक्षण को लेकर हमेशा से तीखी बहस देखने को मिली है। जहां एक ओर दलित व आदिवासी आरक्षण के बचाव में खड़े होते है तो वहीं अनारक्षित वर्ग आरक्षण के दस नुकसान गिनाने से भी पीछे नहीं हटता है।

ऐसे में दलितों में एक वर्ग ऐसा भी है जो आरक्षण के गलत इस्तेमाल के मुद्दे को उठाने लगा है। इन युवाओं के मुताबिक आरक्षण का फायदा दलितों में एक ही विशेष समुदाय तक सीमित होने से 70 साल बाद भी दलितों को आरक्षण का असल फायदा नहीं मिल सका है।

इसी बीच दलितों में पढ़े लिखे सैकड़ो युवाओ ने अब आरक्षण का आधार बदलने के लिए आंदोलन करने के लिए बिगुल फूंक दिया है। इन युवाओं में सबसे चर्चित चेहरा रहे विक्रम बागड़े व मधु पासवान से आज हमने जानना चाहा है कि आखिर क्यों यह युवा आरक्षण को बदलने की बाते करने लगे है।

बात करने पर मध्य प्रदेश के गरीब पिछड़े तबके से आने वाले विक्रम बागड़े ने बताया कि देश भर से 100 से अधिक दलित आदिवासी आरक्षण को बदलने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं।

विक्रम के अनुसार पढ़े लिखे होने के बावजूद उन्हें आरक्षण का फायदा नहीं मिल पा रहा है क्यूंकि यह सिर्फ अमीर दलितों तक ही सीमित रह गया है। वहीं विक्रम का मानना है कि आरक्षण के मौजूदा बनावट की वजह से आये दिन अनारक्षित वर्ग दलितों से नफरत करने लगा है।

आगे उन्होंने हमें बताया कि कैसे अमीर दलित गरीब दलितों का शोषण कर उनका हक़ मारते है व वही दलित सोशल मीडिया पर दलित नेता व एक्टिविस्ट बन दोनों वर्गो में हिंसा भड़काने का कार्य करते है।

विक्रम के साथ जुड़े सैकड़ो दलित युवाओं ने कोर्ट के अलावा सड़को पर भी आरक्षण को बदलने के लिए संघर्ष करने की बाते कही है। लॉक डाउन के बाद यह युवा देश भर में दलित आरक्षण बदलो के लिए आंदोलन चलाने जा रहे है जिसमे लाखो दलित आदिवासियों को शामिल किया जाएगा।

आरक्षण को आर्थिक आधार पर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में डालेंगे याचिका
सुप्रीम कोर्ट में आर्थिक आधार पर आरक्षण करने को लेकर यह सैकड़ो युवा अगले माह तक सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल देंगे। इन दलित युवाओं की मांग है कि दलितों के आरक्षण को आर्थिक आधार पर कर दिया जाए ताकि एक बार फायदा लेने वाले दलित इसका फिर से फायदा न उठा सके। ऐसे में आरक्षण हर गरीब दलित की पहुंच तक चला जायेगा व एक दिन खुद ब खुद समाप्त भी हो जायेगा।

विक्रम बागड़े व मधु पासवान आरक्षण व एससी एसटी एक्ट को लेकर जहां सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है तो वहीं हिन्दू दलितों के धर्मान्तरण पर भी यह युवा पुरजोर आवाज उठाते है।

आरक्षण व एससी एसटी एक्ट के खिलाफ आवाज उठाने के कारण मिल रही है जान से मारने की धमकी, धंधा छूटा आर्थिक हालत पस्त
लगातार सोशल मीडिया पर आरक्षण व एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ आवाज उठाने वाले विक्रम व मधु पासवान को आये दिन उनके समाज के लोगो से जान से मारने की धमकियां मिलती है जिस कारण दोनों युवा डरने लगे है ऐसे में इन्होने घर से बाहर निकलना भी बंद कर दिया है।

वहीं दोनों युवाओं की आर्थिक हालत भी दयनीय हो चुकी है। हमारी बातचीत में दोनों युवाओं का जोश धमकियों के बाद भी जस का तस दिख रहा था ऐसे में हमारी अपील है कि समाज के लोगो को दोनों युवाओं की आर्थिक मदद करने के लिए आगे आना चाहिए।

आप आर्थिक मदद के लिए विक्रम बागड़े व मधु पासवान के ट्विटर अकाउंट से जाकर संपर्क कर सकते है।

ज्ञात होकि विक्रम बागड़े इससे पहले भी आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके है।


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Why Aarushi Kapoor is writing this piece?

Aarushi Kapoor is a student of journalism at the University of Delhi. She has a very keen interest in National politics and a knack over liberals and left-oriented politics. Moreover, She loves right because right is always right!

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