उत्तर प्रदेश

बस्ती में मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर रखा जाएगा, ‘ब्राह्मण परिवार’ के कार्यक्रम में बोले CM योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा एक मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखने के एक दिन बाद, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कॉलेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर रखा जाएगा। 

लखनऊ के कृष्णानगर में ब्राह्मण परिवार के 16वें स्थापना दिवस समारोह में ब्राह्मण समुदाय को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, “परसों रात, मैं एक मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखने के लिए बस्ती जिले का दौरा किया था। कई लोगों ने कॉलेज के लिए विभिन्न नामों का सुझाव दिया। लेकिन मैंने कहा कि कॉलेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर रखा जाना चाहिए।”

ब्राह्मण स्वयं कष्ट भोगते हैं लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने देते हैं

इसके अलावा ब्राह्मण का अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि ब्राह्मण का मतलब संस्कार से है, संस्कृति से है, धर्म से है। जिसने सम-विषम परिस्थिति में धर्म के मार्ग को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि जब हम ब्राह्मण की बात करते हैं तो एक संकल्पना अपने आप सबके सामने आ जाती है, ब्राह्मण का मतलब संस्कार, संस्कृति और धर्म से है। वे स्वयं कष्ट भोगते हैं लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने देते हैं।

विपक्षी अखिलेश यादव के जिन्ना वाले बयान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना अगर कोई जिन्ना से करने लग जाए, तो ये वोट बैंक की निकृष्ट राजनीति होगी।

प्रयागराज की पहचान महर्षि भारद्वाज से है

उन्होंने यह भी कहा कि जनपद प्रयागराज में महर्षि भारद्वाज की भव्य प्रतिमा स्थापित करवाकर हमने लोगों को बताया कि प्रयागराज की पहचान महर्षि भारद्वाज से है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सनातन धर्म जीवित रहा है और पूरी दुनिया के अंदर अपने भव्य ध्वज को गाड़ कर चल रहा है तो इसलिए कि वह ‘ब्रह्म तत्व’ हमारे पास मौजूद है, जो सनातन धर्म की आत्मा में सदैव विराजमान रहकर, स्वयं कष्ट सहकर भी इस धर्म पर आंच नहीं आने देता है।

ब्राह्मण चाणक्य के वंशज हैं

चाणक्य की महानता के बारे में उन्होंने कहा कि भारत तब महान बना था, जब चाणक्य इस देश को नई दिशा दे रहे थे। आप सब आचार्य चाणक्य के वंशज हैं।

अंत में उन्होंने कहा कि जहां से इस धर्म और संस्कृति को ताकत मिलती है, एक नई प्रेरणा मिलती है, एक नया प्रकाश प्राप्त होता है, उन सबको आदर्श मानकर सदैव बेझिझक आगे बढ़ना चाहिए। जब हम महापुरुषों को आदर्श मानकर चलेंगे, दुनिया की कोई ताकत हमारा बाल-बांका नहीं कर पाएगी।

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