मो.सरफ़राज़, मो.शमशाद सहित अन्य दो ने नाबालिक दलित युवती के साथ किया दुष्कर्म, पंचायत ने 63 हज़ार में मामला किया रफा-दफा
सहरसा जिले के बसनही थाना क्षेत्र में पंचायत ने दो नाबालिग से दुष्कर्म की कीमत तय कर दी और आरोपियों को छोड़ दिया। पंचायत प्रतिनिधियों ने स्थानीय थाने की मदद से तीनों आरोपियों को 63 हजार रुपए का जुर्माना सुना कर मामले को रफा-दफा कर दिया। हालांकि बाद में पुलिस द्वारा एक आरोपी मो. सरफराज को शुक्रवार की रात पॉक्सो एवं एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
बच्ची के साथ खेत में किया दुष्कर्म
घटना महुआ उत्तरबाड़ी पंचायत के महादलित टोला वार्ड संख्या 3 की है, जहां 24 फरवरी को कथित आरोपी मो. सरफराज तथा उसके अन्य साथियों द्वारा दो नाबालिग बच्चियों को अगवा कर गांव से दूर खेत में ले जाया गया, जहां एक बच्ची के साथ सरफ़राज़ और उसके साथियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। जानकारी के अनुसार इनमें से एक बच्ची किसी तरह वहां से भागने में सक्षम रही और छुपते-छिपाते अपने ननिहाल पहुँच गई। वहीं, दूसरी बच्ची को दुष्कर्म के बाद अगले दिन दरिंदों ने दूर लेजाकर सड़क किनारे फेंक दिया। जहां बाद में गुज़रते हुए एक शिक्षक की नजर पड़ी तो वह उस बेहोश बच्ची को उसके घर ले गए।
मो. सरफराज सहित तीन आरोपियों पर जुर्माना लगाया गया
बाद में जब बच्ची होश में आई तो उसने गांव के ही मो. सरफराज, मो. शमशाद, मो. हिराज और राजा कुमार दास पर पूरी रात दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। इसके बाद 26 फरवरी को ग्रामीणों ने बैठक बुलाई और पंचायत में फैसला लेने का निर्णय किया। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पंचायत में 3 आरोपितों में से एक को 31 हजार, दूसरे को 21 हज़ार और तीसरे को 11 हजार जुर्माना सुनाकर मामले को रफा-दफा कर दिया।
मो. सरफराज पर पॉक्सो एवं एससी-एसटी एक्ट मे मामला दर्ज
हालांकि तब तक ये खबर फैल चुकी थी, जिसके बाद सामाजिक संगठन सक्रिय हुए। इसके बाद वरीय पुलिस पदाधिकारियों के निर्देश पर मुख्यालय डीएसपी एजाज अहमद ने गांव जाकर घटना की जानकारी ली। बाद में सहरसा महिला थाना में दो मार्च को मामला दर्ज किया गया और एक आरोपी मो. सरफराज को शुक्रवार की रात को पॉक्सो एवं एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
विधायक ने CM से की शिकायत
स्थानीय विधायक रत्ननेश सादा ने मुख्यमंत्री से थानाध्यक्ष द्वारा पहले मामला दर्ज नहीं करने और सहरसा में मामला दर्ज होने के बाद पीड़ित परिवार पर आरोपितों के पक्ष में न्यायालय में पीड़िता का बयान दर्ज कराने के लिए दबाब बनाने की शिकायत की है। जिस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया तथा सख्त कानूनी कार्यवाही के निर्देश भी दिए।